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UP Electricity: घरेलू बिजली की दरों में 45 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित, नियामक आयोग को भेजा गया प्रस्ताव
UP Electricity: राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को घरेलू बिजली की दरों में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने घरेलू बिजली की दरों में 45 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है।
UP Electricity Bill Hike
UP Electricity Bill Hike: उत्तर प्रदेश राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को घरेलू बिजली की दरों में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने घरेलू बिजली की दरों में 45 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। जो उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) को भेज दिया गया है। यह प्रस्ताव आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भेजा गया है। इस पर अंतिम निर्णय नियामक आयोग द्वारा सार्वजनिक सुनवाई के बाद लिया जाएगा।
इतना बिजली दरों में होगा संशोधन
पावर कॉरपोरेशन के अनुसार मौजूदा बिजली दरों से लागत की भरपाई संभव नहीं हो पा रही है। बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण की लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए राजस्व घाटे को कम करने के लिए बिजली दरों में संशोधन जरूरी हो गया है। यह प्रस्ताव 1 से 5 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं को सबसे अधिक प्रभावित करेगा। अभी वर्तमान में 1 से 100 यूनिट तक की खपत पर 3.50 रूपया प्रति यूनिट और 101 से 150 यूनिट तक 5.50 रूपया प्रति यूनिट दर लागू है। नए प्रस्ताव के तहत यह दरें 5 रूपये और 8 रूपये प्रति यूनिट तक बढ़ सकती हैं।
बिजली बिल में 600 तक की वृद्धि
इसके साथ ही फिक्स चार्ज यानी स्थायी शुल्क में 20 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। अभी प्रदेश में करीब 3 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं। जिनमें से अधिकांश मध्यम और निम्न आय वर्ग की श्रीणी में आते हैं। नई प्रस्तावित वृद्धि से इन परिवारों की मासिक बिजली बिल में 200 से 600 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। यह निर्णय गर्मियों में बढ़ती खपत के बीच आम जनता की जेब पर भारी पड़ सकता है। नई प्रस्तावित दर वृद्धि को लेकर विपक्षी दलों और उपभोक्ता संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है।
कांग्रेस ने बताया जनविरोधी कदम
समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने प्रस्ताव को जनविरोधी कदम बताया है। वहीं उपभोक्ता संगठनों ने कहा है कि यह कदम महंगाई से जूझ रहे लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, पहले से बिजली कटौती और अनियमित आपूर्ति से लोग परेशान हैं, यह आर्थिक बोझ और बढ़ा दिया गया है। बिजली दरों पर अंतिम निर्णय उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग सार्वजनिक सुनवाई के बाद लेगा। अभी आयोग हितधारकों की आपत्तियों और सुझावों पर विचार करेगा। उसके बाद जुलाई से अगस्त तक नई दरों को लेकर अंतिम फैसला करेगा।
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