17 दिन, 38 लाख, एक झूठः मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने के नाम पर रिटायर्ड इंजीनियर से ठगी, डिजिटल अरेस्ट.

Lucknow Digital Arrest Case: कुर्सी रोड स्थित जानकीपुरम में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर अश्वनी कुमार गुप्ता को जालसाजों ने मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने का झांसा दिया।

Shishumanjali kharwar
Published on: 30 Oct 2025 11:05 AM IST
Lucknow  Digital Arrest Case
X

Lucknow Digital Arrest Case

Lucknow Digital Arrest Case: देश में साइबर जालसाजों का इन दिनों सिडिंकेट एक्टिव है। राजधानी लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित जानकीपुरम में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर अश्वनी कुमार गुप्ता को जालसाजों ने मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने का झांसा दिया। जालसाजों ने 17 दिन तक रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान 38.42 लाख रुपए भी हड़प लिये। पीड़ित ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराया है। पुलिस मामले की छानबीन करते हुए बैंक खातों की पड़ताल में जुटी हुई है।

अनजान नंबर से आयी थी कॉल

जानकीपुरम गार्डन निवासी अश्वनी कुमार गुप्ता के पास बीते 30 सितंबर को एक अनजान नंबर से कॉल आयी थी। जब उन्होंने फोन रिसीव किया तो बताया गया कि आधार कार्ड का दुरूपयोग हुआ है। केस की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है। इसके बाद फोन कट गया। थोड़ी देर बाद दोबारा कॉल आयी। तब फोन करने वाले ने यह बताया कि आपका केस अब डीजीपी चेन्नई को सौंप दिया गया है। जब रिटायर्ड इंजीनियर ने पूछा कि आखिर किस केस की बात हो रही है।

तब फोन करने वाले ने बताया कि आपके खिलाफ हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का केस फाइल हुआ है। इसके साथ ही ठगों ने उन्हें बैंक खातों और संपत्ति की जांच की भी धमकी दी। ठगों ने बुजुर्ग को साफ कहा कि किसी से भी इस बारे में जिक्र न करें। इसके बाद वाट्सएप पर जाली कागजात भी भेजे। फिर खाते में रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा।

ठगों ने बुजुर्ग को इस कदर अपने जाल में फंसा लिया कि वह 14 अक्तूबर 2025 को बैंक गए और जालसाजों के खाते में 24.70 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 16 अक्तूबर को फिर से अश्वनी कुमार गुप्ता के पास फोन आयी और रुपये भेजने का दबाव बनाया। तब अश्वनी ने कहा कि जो कुछ था। वह तो भेज दिया। तब जालसाजों ने अश्वनी के बेटे को जेल में डाल देने की धमकी दी।

लोन लेकर भेजी रकम

डर हुए रिटायर्ड इंजीनियर ने बैंक से 14 लाख रुपए पेंशन लोन लिया और फिर ठगों के खाते में दोबारा 13 लाख 72 हजार रुपये भेज दिये। ठगों ने इसके बाद फिर से बुजुर्ग से रुपयों की मांग की तब उन्हें संदेह हुआ। तब परिजनों को सारी बात बतायी। घटना के संबंध में इंक्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। आरोपियों के खाते में ठगी की रकम को फ्रीज कराने की कोशिश की जा रही है।

डिजिटल अरेस्ट से इस तरह बचें

डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए हमेशा सावधान रहने की जरूरत है। अगर कोई भी अनजान नंबर से कॉल आए तो अलर्ट रहें। साथ ही कॉल करने वाले को कभी भी पर्सनल डिटेल न दें। किसी भी तरह के बहकावे में न आए। वहीं इस तरह की कॉल आने के बाद तत्काल पुलिस से शिकायत करें। यदि आपके पास ठगों का कॉल आता है तो फिर टोल फ्री नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov. in के जरिये शिकायत दर्ज करायें।

1 / 4
Your Score0/ 4
Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

Mail ID [email protected]

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!