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CBI अधिकारी बनकर 73 साल की महिला को किया Digital Arrest! 17 दिन में की 56 लाख की ठगी, लखनऊ पुलिस ने 3 शातिर किए गिरफ्तार
Lucknow News: लखनऊ में साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर 73 वर्षीय महिला को वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और 17 दिन में 56 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो पीड़ित को डरा-धमकाकर ऑनलाइन भुगतान कराते थे।
Cyber Criminals Impersonating CBI Officers Cheat 73 Year Old Woman of 56 Lakh in Lucknow
Lucknow News: लखनऊ की साइबर क्राइम पुलिस ने गुरुवार को बेहद शातिर डिजिटल ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को CBI अधिकारी बताकर बुजुर्गों को 'डिजिटल अरेस्ट' में रखकर ठगी करते थे। लखनऊ की 73 वर्षीय महिला को आरोपियों ने WhatsApp वीडियो कॉल पर धमकाकर 17 दिनों तक मानसिक बंधक बनाए रखा और जांच के नाम पर उनसे 56 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने खुद को CBI से बताकर झूठे केस और अरेस्ट वारंट का भय दिखाया और महिला को सुप्रीम कोर्ट के नाम पर एक बैंक अकाउंट में भारी रकम ट्रांसफर करने को मजबूर किया। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो अलग-अलग जिलों से हैं और पेशेवर साइबर जालसाज हैं। पुलिस को इनके अंतरराज्यीय गिरोह होने की भी आशंका है।
CBI अधिकारी बनकर की कॉल, भेजा फर्जी अरेस्ट वारंट
73 वर्षीय रीता भसीन के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को CBI अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके आधार और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है और मुंबई में एफआईआर दर्ज है। बाद में कॉल वीडियो कॉल में बदल गया जिसमें पुलिस जैसी वर्दी पहने व्यक्ति ने उन्हें धमकाया। इसके बाद पीड़िता को 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा गया और फर्जी अरेस्ट वारंट तथा कोर्ट का सीजर ऑर्डर भी भेजा गया।
WhatsApp कॉल पर बैठाकर 17 दिन तक रखा डिजिटल गिरफ्त
आरोपियों ने बुजुर्ग महिला को आदेश दिया कि वह एकांत में रहे और किसी को न बताए। उन्हें व्हाट्सएप कॉल पर वीडियो के जरिए लगातार कैमरे के सामने बैठने को कहा गया, जिससे महिला को लगा कि उन पर निगरानी रखी जा रही है। इस दौरान लगातार भय का माहौल बनाकर उन्हें 56 लाख रुपये ट्रांसफर करने को मजबूर किया गया। ठगों ने दावा किया कि ये रकम सुप्रीम कोर्ट के खाते में जा रही है और जांच के बाद लौटा दी जाएगी।
गिरफ्तार आरोपी पेशेवर ठग, अलग-अलग जिलों से हुई गिरफ्तारी
साइबर थाना प्रभारी बृजेश यादव के अनुसार, इस ठगी की रिपोर्ट 18 जुलाई को दर्ज हुई थी। जांच के बाद गुरुवार को बल्दीराय सुल्तानपुर के रहने वाले अनुराग तिवारी, मिल एरिया रायबरेली के रहने वाले प्रखर प्रताप सिंह और अंबेडकर नगर रायबरेली निवासी अनुपम सिंह को गिरफ्तार किया गया। इन सभी के पास से तकनीकी उपकरण, सिम कार्ड और बैंक डिटेल्स बरामद की गई हैं।
ठगी की रकम को क्रिप्टो में किया कन्वर्ट, पुलिस को मिला नया सुराग
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपियों ने ठगी की गई राशि को विभिन्न खातों और क्रेडिट कार्ड्स के जरिए USDT क्रिप्टोकरेंसी में कन्वर्ट कर लिया था। इस रकम को बाद में आपस में बांट लिया गया। पुलिस अब इनके डिजिटल वॉलेट और बैंक ट्रांजेक्शन की पड़ताल कर रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी जारी है।
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