सपा नेता विनय शंकर तिवारी को मिली बड़ी राहत, बैंक लोन हड़पने के मामले में हाईकोर्ट ने दी जमानत

7 अप्रैल 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने विनय शंकर तिवारी को बैंक लोन हड़पने के मामले में गिरफ्तार किया था। उनके साथ ही अजीत पांडे को भी इसी केस में गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर बैंकों के कॉलेजियम से लिए गए 754 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस भारी-भरकम राशि को हड़प लिया गया और उसका उपयोग तय उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया।

Newstrack          -         Network
Published on: 22 May 2025 1:30 PM IST (Updated on: 22 May 2025 1:37 PM IST)
Former MLA Vinay Shankar Tiwari arrested
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Former MLA Vinay Shankar Tiwari arrested

Vinay Shankar Tiwari gets Bail: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय शंकर तिवारी को राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन्हें बैंक लोन घोटाले के मामले में जमानत दे दी है। यह फैसला डबल बेंच द्वारा सुनवाई के बाद सुनाया गया। बता दें कि 7 अप्रैल 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने विनय शंकर तिवारी को बैंक लोन हड़पने के मामले में गिरफ्तार किया था। उनके साथ ही अजीत पांडे को भी इसी केस में गिरफ्तार किया गया था।

यह मामला गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर बैंकों के कंसोर्टियम से लिए गए 754 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस भारी-भरकम राशि को हड़प लिया गया और उसका उपयोग तय उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया। इस घोटाले में हुई गिरफ्तारी के बाद से दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में थे। लेकिन आज हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए दोनों को जमानत दे दी है। हालांकि ED की जांच अभी जारी है।

क्या है मामला?

वहीं पूर्व प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह बात सामने आई कि विनय शंकर तिवारी की कंपनी, मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था। इसके बाद, इस धनराशि को अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया और बैंकों को वापस नहीं किया गया। इस धोखाधड़ी से बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के बेटे और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई और आरोप तब और गंभीर हो गए जब नवंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी 72.08 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। यह कार्रवाई उस समय की गई थी जब गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी। जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था।

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Shivam Srivastava

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