संघर्ष समिति ने कहा यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी का अस्तित्व खतरे, निजीकरण रोकने की जरूरत

Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने कहा कि अगर ट्रांसमिशन क्षेत्र में बिजली निजीकरण नहीं रोका गया, तो कुछ ही वर्षों में यह उत्कृष्ट कंपनी खत्म हो जाएगी।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 5 Sept 2025 9:19 PM IST
Electricity Privatization
X

Electricity Privatization (Photo: Social Media)

Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि 'स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी ऑफ द ईयर' का पुरस्कार जीता था। इसके बावजूद यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी (यूपी ट्रांस्को) का अस्तित्व निजीकरण के कारण खतरे में है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि राज्य के सभी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट यूपी ट्रांस्को को ही सौंपे जाएं और टैरिफ बेस्ड कंपीटीटिव बिडिंग (टीबीसीबी) को तत्काल बंद किया जाए।

निजीकरण रोका जाना चाहिए

संघर्ष समिति ने कहा कि अगर ट्रांसमिशन क्षेत्र में बिजली निजीकरण नहीं रोका गया, तो कुछ ही वर्षों में यह उत्कृष्ट कंपनी खत्म हो जाएगी। टीबीसीबी के कारण 220 केवी और उससे अधिक क्षमता के नए सबस्टेशन व ट्रांसमिशन लाइनें निजी कंपनियों, अदानी ट्रांस्को और पावर ग्रिड को मिल रही हैं। इसके अलावा 100 करोड़ रुपये से अधिक की 132 केवी परियोजनाएं भी निजी घरानों को जा रही हैं। समिति ने याद दिलाया कि एक समय प्रदेश ट्रांसमिशन के क्षेत्र में देश का सबसे अग्रणी राज्य था। देश में सबसे पहले 400 केवी और 765 केवी के सब स्टेशन और लाइनें यूपी में बनी और संचालित हुईं। संघर्ष समिति ने बताया कि निजी घरानों के ट्रांसमिशन शुल्क काफी अधिक हैं। प्रदेश में दो-तिहाई से अधिक बिजली आपूर्ति निजी क्षेत्र से होती है।

इससे बिजली की कीमतें बढ़ेगी

इसलिए इन महंगी बिजली पर अधिक ट्रांसमिशन शुल्क देना पड़ता है। इसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ता है, जिससे बिजली की कीमतें बढ़ जाती हैं। समिति ने उदाहरण के लिए कहा कि जैसे नई ताप बिजली परियोजनाओं (घाटमपुर, मेजा, बारा और खुर्जा) से निकलने वाली बिजली की ट्रांसमिशन लाइनें और सबस्टेशन निजी क्षेत्र, खासकर अदानी ट्रांस्को के पास हैं। इसके अलावा ओबरा सी और जवाहरपुर जैसी नई परियोजनाओं से निकलने वाली ट्रांसमिशन लाइनें भी अदानी ट्रांस्को और पावर ग्रिड के पास हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सर्वश्रेष्ठ होने के बावजूद राज्य का अधिकांश ट्रांसमिशन नेटवर्क निजी घरानों के नियंत्रण में जा रहा है। उसको हर हाल में रोका जाना चाहिए।

1 / 5
Your Score0/ 5
Prashant Vinay Dixit

Prashant Vinay Dixit

Mail ID - [email protected]

Reporter

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!