बिजली निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ी! संघर्ष समिति ने कहा टेंडर प्रक्रिया शुरू होते ही कार्य बहिष्कार करेंगे

Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन को पत्र लिख करके निजीकरण के लिए तैयार किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न देने की मांग की है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 19 Aug 2025 9:23 PM IST
Electricity privatization tender in UP
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Electricity privatization tender in UP (Photo: Social Media)

Electricity Privatization: बिजली कर्मचारियों की विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। समिति ने चेतावनी देकर कहा कि यदि निजीकरण के लिए टेंडर जारी किया जाता है, तो प्रदेश भर में बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के साथ-साथ 'सामूहिक जेल भरो' आंदोलन शुरू करेंगे।

आरएफपी को मंजूरी न देने की मांग

संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखकर निजीकरण के लिए तैयार किए गए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) डॉक्यूमेंट को मंजूरी न देने की मांग की है। समिति ने नियामक आयोग से मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए बातचीत का समय भी मांगा है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण होने से लगभग 50,000 संविदा कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। 16,500 नियमित कर्मचारियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। इसके अलावा कॉमन कैडर के इंजीनियरों व जूनियर इंजीनियरों को पदावनति या नौकरी खोने का डर है।

बिजली कर्मचारियों पर ज्यादा असर

समिति ने कहा कि बिजली निजीकरण से सबसे ज्यादा असर बिजली कर्मचारियों पर पड़ेगा, इसलिए नियामक आयोग को कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। बल्कि पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा भेजे गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को निरस्त कर देना चाहिए। समिति ने आरोप लगाया कि निजीकरण का आरएफपी डॉक्यूमेंट पूर्व वित्त निदेशक निधि नारंग ने ट्रांजेक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ मिलकर कुछ निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया था। सरकार ने शायद निधि नारंग का सेवा विस्तार नहीं दिया।

डॉक्यूमेंट को तुरंत रद्द कर देना चाहिए

नए वित्त निदेशक संजय मेहरोत्रा के आने के बाद अब इस डॉक्यूमेंट को तुरंत रद्द कर देना चाहिए। लखनऊ में आयोजित एक बैठक में संघर्ष समिति ने निजीकरण की प्रक्रिया को जबरन आगे बढ़ाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। समिति ने प्रदेश के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों से आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। समिति के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।

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