Good News: जन्मजात हृदय रोग के लिए PGI के सीवीटीएस को 10 करोड़ !

Lucknow News: अब पीजीआई में हार्ट की बीमारी से परेशान नवजात बच्चों को पूर्ण इलाज देने की सुविधा देने के लिए जल्द काम शुरू होगा। इसके लिए पीजीआई को एसबीआई से दस करोड़ मिले हैं ।

Shubham Pratap Singh
Published on: 18 Aug 2025 7:40 PM IST
Lucknow News
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CM Yogi With Health Minister Receiving Cheque For PGI 

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राजधानी के पीजीआई के लिए अहम फैसला लिया गया है। संस्थान में अत्याधुनिक बाल चिकित्सा हृदय गहन चिकित्सा इकाई (PICU) के विस्तार के ​लिए भारतीय स्टेट बैंक ने 10 करोड़ दिए हैं। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार और सलोनी हार्ट फाउंडेशन (एसएचएफ) अमेरिका द्वारा की गई है।

क्या है जन्मजात हृदय रोग

जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) भारत में शिशु और बाल्यावस्था रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। हर साल लगभग 2 लाख बच्चे इस स्थिति के साथ पैदा होते हैं। यह हृदय की एक संरचनात्मक समस्या है। यह गर्भावस्था के दौरान विकसित होती है। नवजात में यह स्थिति जन्म से ही मौजूद होती है। इससे हृदय के कई तरह के रोग हो सकते हैं। या तो इससे हृदय के पास की रक्त वाहिकाओं में असामान्यताएं हो सकती हैं। यह गर्भावस्था के दौरान हृदय के विकास के दौरान होती है।

प्रयास हुआ सफल

पीजीआई में बीते कई दिनों से नवजात बच्चों को होने वाले इस विकार के लिए सही और सटीक इलाज मिले इसके लिए एसजीपीजीआई के निदेशक व पद्मश्री प्रोफेसर आर के धीमन समेत कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर आदित्य कपूर,सीवीटीएस के विभागाध्यक्ष डॉ. एस के अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, एनेस्थिसियोलॉजी डॉ. प्रभात तिवारी और सीवीटीएस के प्रोफेसर डॉ. शांतनु पांडे, हिमांशु सेठ समेत संस्थान के अन्य डॉक्टर प्रयास में थे। जोकि अब जाकर सफल होती नजर आ रही है। संस्थान को मिले इस रकम के बाद अब विभाग में छोटे बच्चों के इलाज में अब सुविधाएं और बढ़ेंगी और नन्ही जानों को बचाने में संस्थान नए आयाम हासिल कर पाएगा।

नई सुविधाएं मिलेंगी

पीजीआई में इन सुविधाओं का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने अक्टूबर 2024 किया था। उस समय विभाग में इसके लिए 30 बेड के पीडियाट्रिक सीवीटीएस वार्ड की शुरुआत की गई थी। लेकिन बजट के अभाव के कारण ओटी और आईसीयू सीवीटीएस विभाग की मदद से चल रहे थे। जिसके कुछ समय बाद आईसीयू के नवीनीकरण के लिए प्रदेश सरकार ने इसके लिए 1.5 करोड़ का अनुदान भी दिया था।

एसएचएफ ने की मदद

एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने बातया कि पीजीआई में पीडियाट्रिक के लिए सीवीटीएस विभाग को विकसित करने के लिए एसबीआई और एसएचएफ का बड़ा योगदान रहा है। हमें मिली इस मदद से अबतक हमने अपने अथक प्रयास से कई बच्चों की जान बचाने में सफलता हासिल करी है और अब मिली रकम से बच्चों के इलाज के लिए हर सुविधा की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी।

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