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Lucknow News: स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति: BBAU के शोधकर्ताओं को मिला एआई सक्षम रोग पहचान चिकित्सा उपकरण पर भारतीय पेटेंट
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. पवन कुमार चौरसिया को भारत सरकार द्वारा एआई सक्षम रोग पहचान चिकित्सा उपकरण के लिए डिजाइन पेटेंट प्राप्त हुआ है।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow Toady News: लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. पवन कुमार चौरसिया को भारत सरकार द्वारा एआई सक्षम रोग पहचान चिकित्सा उपकरण के लिए डिजाइन पेटेंट प्राप्त हुआ है। इस महत्वपूर्ण कार्य में डॉ. चौरसिया के साथ उनके शोध छात्र डॉ. सुनील सिंह और डॉ. सतीश कुमार का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने शोध टीम को बधाई दी और इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताया।
AI तकनीक से हो रही है चिकित्सा में क्रांति
यह उपकरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से संचालित है, जो रोगों की प्रारंभिक पहचान और निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मेडिकल डिवाइसेस ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य प्रदाताओं के लिए बीमारी की पहचान करने के पारंपरिक तरीकों को बदल दिया है। इस तकनीक की मदद से समय पर और सटीक इलाज संभव हो रहा है।
AI तकनीक का उपयोग करके यह उपकरण मेडिकल इमेज, स्वास्थ्य संकेतों और आनुवंशिक डेटा का विश्लेषण करता है, जिससे कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का पता पारंपरिक तरीकों से कहीं अधिक तेजी से लगाया जा सकता है। इस तकनीक के उदाहरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चेस्ट एक्स-रे विश्लेषक, रेटिना स्कैनर, और ECG मॉनिटर जैसे स्मार्ट डिवाइसेस शामिल हैं।
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए AI का योगदान
डॉ. पवन कुमार चौरसिया का मानना है कि भारत के कई ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अभी भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। AI-समर्थित उपकरण, खासकर पोर्टेबल डिवाइसेस, इन क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक्स की पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं। जैसे-जैसे AI तकनीक में विकास होगा, एक दिन व्यक्तिगत चिकित्सा की दिशा में बदलाव आएगा, जिसमें AI आधारित निदान हर व्यक्ति के जीन के अनुसार उपचार प्रदान करेगा।
BBAU ने स्थापित किया एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर
इस पेटेंट के साथ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में AI के योगदान को और बढ़ावा देने का काम करेगी।
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