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Lucknow News: लेजर तकनीक से एंजियोप्लास्टी कर हटाया जा सकेगा थक्का
Lucknow News: दिल में खून पहुंचाने वाली नसों में 100 फीसदी ब्लॉकेज हटाने के लिए अब बाईपास सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
New Machine For Laser Treatment Of Heart Blockage
Lucknow News: दिल में खून पहुंचाने वाली नसों में 100 फीसदी ब्लॉकेज हटाने के लि अब बाईपास सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले की गई एंजियोप्लास्टी के दौरान स्टंट में सिकुड़न और कैल्शियम का जमाव के लिए भी बड़ा ऑपरेशन नहीं करना होगा। अब लोहिया संस्थान के कॉर्डियोलॉजी विभाग में इसे लेजर तकनीक से एंजियोप्लास्टी कर हटाया जा सकेगा।
लोहिया के कॉर्डियोलॉजी विभाग में चार मरीजों का लेजर तकनीक से कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गई। विभाग के डॉ. सुदर्शन विजय ने बताया कि लेजर एंजियोप्लास्टी से मरीजों की लम्बे समय से 100 फीसदी बन्द नसों को खोला गया। दो मरीज ऐसें थे, जिनके पुराने लगे स्टेन्ट सिकुड़ गये थे। उनमें कैल्शियम जम गया था। उसमे लेजर पहले पुराने स्टेन्ट को साफ किया गया। फिर दोबारा एंजियोप्लास्टी की गयी।
उन्होंने बताया कि बहुत से मरीजों में दिल को खून पहुंचाने वाली नसें बंद हो जाती हैं। उनमें खून के थक्के व कैल्शियम जम जाता है। सबसे ज्यादा दिक्कत कैल्शियम को हटाने में आती है। क्योंकि मर्ज पुराना होने से कैल्शियम काफी सख्त हो जाता है। ऐसे में तार व दूसरी तकनीक से कैल्शियम को तोड़ना कठिन होता है। ऐसे मरीजों को बाईपास की सलाह दी जाती है। लेजर नसों में जमे कोलेस्ट्राल को हार्ट अटैक के मरीजों में नसों में बनें खून के थक्कों को गला देती है। कैल्शियम को तोड़कर बाहर निकाल देती है। खून का प्रवाह ठीक करती है।
पहला सरकारी संस्थान
डॉ. सुदर्शन ने बताया कि लोहिया उत्तर भारत व यूपी का पहला सरकारी संस्थान जिसमें लेजर से एंजियोप्लास्टी की गई है। लेजर से एंजियोप्लास्टी की सुविधा भारत के कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है।
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