Shamli News: शामली में रविन्द्र बरवाला मिट्टी खनन माफिया का आतंक

Shamli News: शामली के काबड़ौत गांव में मिट्टी खनन माफिया रविन्द्र बरवाला का आतंक, किसानों की जमीनें बर्बाद, प्रशासन मौन

Pankaj Prajapati
Published on: 24 Oct 2025 4:44 PM IST
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Shamli News: शामली में मिट्टी खनन माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव काबड़ौत में खुलेआम पोकलेन मशीनों से मिट्टी की खुदाई की जा रही है। दिनदहाड़े चल रहे इस अवैध खनन से न केवल किसानों की जमीनें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि शासन-प्रशासन के राजस्व को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक, गांव काबड़ौत में मिट्टी खनन माफिया रविंद्र द्वारा खेतों से मिट्टी की खुदाई कर उसे डंपरों में भरकर ले जाया जा रहा है। यह मिट्टी बाद में ओने-पौने दामों में अवैध कॉलोनियों में बेची जाती है। स्थानीय किसान बिट्टू का कहना है कि मिट्टी खनन का यह धंधा रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिनदहाड़े खुलेआम चल रहा है।

भूमि की ऊपरी सतह पूरी तरह खराब

ग्रामीणों ने बताया कि खेतों की खुदाई से उनकी भूमि की ऊपरी सतह पूरी तरह खराब हो रही है। काबड़ौत निवासी बिट्टू पुत्र देवकुमार का कहना है कि उनके खेत के खसरा नंबर 144 से बराबर की मिट्टी उठा ली गई है, जिससे खेत की मेड ऊँची हो गई है और खेती योग्य भूमि कटने लगी है। खेत की ऊपरी परत हट जाने से फसल उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है, जिससे किसान को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

किसान बिट्टू ने कई बार अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन अब तक किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं, जिससे मिट्टी खनन माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए हैं।


मिट्टी खनन से गांव की सड़कों का हाल भी खराब

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मिट्टी खनन से गांव की सड़कों का हाल भी खराब हो गया है। डंपरों की आवाजाही से सड़कें टूटी-फूटी पड़ी हैं और धूल-मिट्टी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

अब बड़ा सवाल यह है कि जब मिट्टी खनन से राजस्व को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, तब जिले के आलाधिकारी कार्रवाई से क्यों कतरा रहे हैं? क्या प्रशासन की नाक के नीचे यह सब मिलीभगत से हो रहा है? ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस अवैध मिट्टी खनन पर रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि किसानों की जमीन और सरकारी राजस्व दोनों की रक्षा हो सके।



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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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