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Shravasti News: श्रावस्ती में वीरान हुई सड़क, झुलसा रही गर्मी, बिजली से हाहाकार
Shravasti News: शनिवार और रविवार को दोपहर बाद उमस भरे बादलों ने लोगों की तकलीफ और बढ़ा दी। आसमान से आग बरसती प्रतीत हो रही है और पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
श्रावस्ती में वीरान हुई सड़क, झुलसा रही गर्मी (photo: social media )
Shravasti News: जिले में लगातार बढ़ते तापमान और भीषण उमस ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सूरज चढ़ते ही सड़कें वीरान हो जाती हैं। दूर तक खौफनाक सन्नाटा होता है। घरों में दुबके रहते हैं लोग। शनिवार और रविवार को दोपहर बाद उमस भरे बादलों ने लोगों की तकलीफ और बढ़ा दी। आसमान से आग बरसती प्रतीत हो रही है और पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं, अघोषित बिजली कटौती और ट्रिपिंग ने लोगों को बुरी तरह बेहाल कर दिया है।
बाजारों में रौनक गायब है और सड़कें सुनसान दिख रही हैं। लोग सिर्फ बेहद जरूरी कामों के लिए ही घरों से बाहर निकल पा रहे हैं। गर्मी की मार झेल रहे नागरिकों के लिए बिजली की अनियमित आपूर्ति ने राहत की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। पंखे और कूलर गर्म हवा फेंक रहे हैं और इन्वर्टर बार-बार जवाब दे रहे हैं।
बिजली ट्रिपिंग से उपकरण हो रहे खराब, मध्यम वर्ग आर्थिक बोझ में दबा
गिलौला निवासी मनोज तिवारी ने बताया कि सुबह से ही सूरज तपने लगता है और दोपहर तक लू चलने लगती है। संदीप गुप्ता ने कहा कि बिजली कटौती ने हालात बदतर कर दिए हैं। शिवकुमार जयसवाल के मुताबिक, बाजारों की भीड़ लगभग खत्म हो चुकी है, लोग घरों में कैद हैं। लालजी पाठक ने कहा कि उमस इतनी है कि घर में बैठना तक दूभर हो गया है।
वहीं, बिजली की बार-बार ट्रिपिंग से लोगों के घरों के पंखे, इन्वर्टर, वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण खराब हो रहे हैं, जिससे मध्यम वर्ग को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन और बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप
लोगों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारी ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से लगातार बिजली कटौती कर रहे हैं। पर मरम्मत में गुणवत्ता की अनदेखी की जाती है। समाजसेवी राजेन्द्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि ट्रांसफार्मरों में घटिया तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वे जल्दी खराब हो रहे हैं। उन्होंने विभागीय केबल और संयंत्रों को भी मानकविहीन बताया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनने तक को तैयार नहीं हैं। फोन उठाते नहीं, और अगर उठाते भी हैं तो कह देते हैं कि "काम चल रहा है, जल्दी ठीक हो जाएगा", और फिर कॉल काट देते हैं।
रात की नींद भी छिनी, आंदोलन की चेतावनी
सबसे बुरी स्थिति छोटे बच्चों और बुजुर्गों की है। लगातार बिजली कटौती और गर्मी ने लोगों की नींद भी छीन ली है। लोग दिनभर काम करके रात में भी चैन से सो नहीं पा रहे। गिलौला, इकौना, जमुनहा जैसे क्षेत्रों में घंटों बिजली गुल रहती है। फीडरों पर एक-एक घंटे की कटौती कर बिजली को डायवर्ट किया जा रहा है, लेकिन आपूर्ति फिर भी नहीं सुधर रही।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बिजली आपूर्ति रोस्टर के अनुसार सुनिश्चित की जाए, अन्यथा मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इसका पूरा जिम्मा शासन-प्रशासन का होगा।
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