Siddharthnagar News: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा, ₹65,000 जुर्माना

Siddharthnagar News: सिद्धार्थनगर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा और ₹65,000 जुर्माना। "ऑपरेशन कन्विक्शन" के तहत पुलिस और अभियोजन की सफल कार्रवाई।

Intejar Haider
Published on: 30 July 2025 11:04 PM IST
Accused of mischief with minor sentenced to 7 years, ₹65,000 fine
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 नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा, ₹65,000 जुर्माना (Photo- Newstrack)

Siddharthnagar News: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में पुलिस के "ऑपरेशन कन्विक्शन" अभियान के अंतर्गत एक अहम सफलता हाथ लगी है। थाना खेसरहा क्षेत्र में वर्ष 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने आरोपी पर ₹65,000 का आर्थिक दंड भी लगाया है।

वर्ष 2016 का मामला, प्रभावशाली कानूनी कार्रवाई

यह मामला वर्ष 2016 का है, जब खेसरहा थाना क्षेत्र के ग्राम इमिलिया निवासी कमलेश दुबे पुत्र मायाराम दुबे के खिलाफ नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी के खिलाफ एफआईआर संख्या 424/2016 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 504, 506, 352, पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4, तथा एससी/एसटी एक्ट के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।

पुलिस और अभियोजन पक्ष की सशक्त भूमिका

पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन के निर्देशन में जिला मॉनिटरिंग सेल और थाना खेसरहा पुलिस ने प्रभावशाली विवेचना और दस्तावेज प्रस्तुत किए। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पवन कुमार कर पाठक ने न्यायालय में सशक्त पैरवी की। वहीं, मुख्य आरक्षी राजेश्वर चन्द की भूमिका भी सराहनीय रही।

न्यायालय का निर्णय और सामाजिक संदेश

विशेष पाक्सो कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। न्यायालय ने कहा कि ऐसे अपराधों में सख्त सजा समाज में अपराध के प्रति भय और न्याय व्यवस्था पर विश्वास कायम करने के लिए ज़रूरी है।

पुलिस का संकल्प: अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी

पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि "ऑपरेशन कन्विक्शन" जैसे अभियानों के माध्यम से कानून का डर बनाए रखना और पीड़ितों को न्याय दिलाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में भी इस प्रकार के मामलों में शीघ्र विवेचना व प्रभावशाली पैरवी के ज़रिये दोषियों को सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।

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