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Siddharthnagar News: माहे मोहर्रम के समापन पर हल्लौर में निकला अलविदाई जुलूस
Siddharthnagar News: सोमवार सुबह दो अंजुमन—गुलदस्ता मातम व फरोग मातम के बैनर तले जुलूस निकाला गया।
माहे मोहर्रम के समापन पर हल्लौर में निकला अलविदाई जुलूस (photo: social media )
Siddharthnagar News: जिले के हल्लौर में सवा दो महीने मनाएं जाने वाले माहे मोहर्रम के अंतिम दिन हजरत हसन असकरी के शहादत दिवस पर रविवार रात घरों और चौक पर ताजिया रखे गए। लोगों ने मजलिस नोहा और मातम कर रखे गए ताजिया के सामने फतिहा पढ़ा। सोमवार की सुबह दो अलग-अलग अंजुमन गुलदस्ता मातम और अंजुमन फरोग मातम के बैनर तले जुलूस निकाला गया। जिसमें जुलजनाह और अमारी की शबीह भी निकाली गई।
सोमवार सुबह से लेकर शाम तक गांव की गलियां में भ्रमण कर लोगों ने जियारत की। शाम को दोनों अंजुमने अलविदाई नोहा मातम करते हुए हल्लौर के उत्तर तरफ स्थित कर्बला पहुंची। जहां मजलिस को खिताब करते हुए जकिरे अहलेबैत जमाल हैदर ने कहा की 1400 साल पहले इराक कर्बला में दस मोहर्रम के दिन इमाम हुसैन और 71 साथियों को शहीद कर दिया गया था। तभी से उनके मानने वाले 2 महीना 8 दिन माहे मोहर्रम के रूप में मनाते हुए शहीदों को पुरसा देते है।
शहादत दिवस के साथ अय्यामे अजा खत्म
सोमवार को 11वे इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत दिवस के साथ अय्यामे अजा खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा की हजरत मोहम्मद साहब के निर्देश पर इमाम हुसैन ने दुनिया में दीन इस्लाम को फैलाने के लिए अपनी और अपने साथियों की कुर्बानी दी। जिसको रहती दुनिया याद करती रहेगी। इस दौरान दर्जनों अकीदतमंंद की मौजूदगी रही। हल्लौर कस्बे में कई शब्बेदारी आयोजित की गई और कई मजलिसे हुई।
इस दौरान कसीम रिजवी, कामयाब बब्लू, मोहम्मद मेहदी, शबरेज, आसिफ, हसन अब्बास, प्रिंस, अबिश, लकी, मो. रजा अयान, मोहम्मद सज्जाद फैजान, फैज, जरी, आफताब हैदर आदि उपस्थित रहे।
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