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Sonbhadra News: आपातकाल चिंतन गोष्ठी को लेकर गरमाई सियासत, धरना-प्रदर्शन कर कांग्रेस ने जताया विरोध
Sonbhadra News: इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए, कांग्रसियों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया।
आपातकाल चिंतन गोष्ठी को लेकर गरमाई सियासत (photo: social media )
Sonbhadra News: आपातकाल दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में हुई चिंतन गोष्ठी को लेकर सियासत गरमा उठी है। कांग्रेस ने चिंतन गोष्ठी के लिए जिलाधिकारी सभागार का इस्तेमाल और इस गोष्ठी में भाजपा के लोगों की तरफ से पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर उठाए गए सवाल को, लेकर तीखा निशाना साधा है। इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए, कांग्रसियों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया।
जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद एडीएम वित्त एवं राजस्व को राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जिलाधिकारी सभागार का राजनीतिक हित साधने के लिए किए गए उपयोग के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं, इसकी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। गोष्ठी को लेकर शासनादेश जारी किए जाने की दी गई जानकारी पर भी कांग्रेसियों ने सवाल उठाए। गोष्ठी के बहाने बच्चों के मन में नफरत का भाव भरने का आरोप लगाते हुए मसले को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी सभागार या भाजपा का मीटिंग कक्ष, दिया जाए जवाब: रामराज
अगुवाई कर रहे जिलाध्यक्ष रामराज सिंह गोंड़ ने भाजपा के साथ ही प्रशासन के लोगों पर तीखा निशाना साधा। कहा कि जिलाधिकारी सभागार भाजपा-आरएसएस के लोगों के मीटिंग के लिए या फिर जनता से जुड़े मसलों पर बैठक-सुनवाई करने के लिए, इसका जवाब दिया जाना चाहिए। कहा कि चिंतन गोष्ठी के बहाने गांव के छोटे-छोटे बच्चों में नफरत का जहर भरने का काम किया गया। कहा कि कलेक्ट्रेट पहुंचने पर प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई कि गोष्ठी के लिए शासनादेश था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कार्यक्रम आयोजित किया गया क्या यह मान लिया जाए कि जिलाधिकारी सभागार का इश्तेमाल जनता के लिए भाजपा के मीटिंग कक्ष के रूप में किया जाएगा। कहा कि इन्हीं सारे सवालों को लेकर राज्यपाल को संबांधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया है और मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।
वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता राजेश द्विवेदी ने कहा कि जिलाधिकारी सभागार में आपातकाल को लेकर एक चिंतन गोष्ठी आयोजित की गई थी जिसमें भाजपा और आरएसएस नेताओं के साथ बच्चों को बुलाया गया था। यहां चिंतन गोष्ठी के नाम पर पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी और हमारे नेता राहुल गांधी के खिलाफ विचार व्यक्त किए गए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कांग्रेस के खिलाफ बच्चों में नकारात्मक भाव भरना था। इससे सिर्फ कांग्रेस के लोगों में ही नहीं, बुद्धिजीवी तबके मंे भी इसको लेकर रोष है। पहली बार ऐसा हुआ है जिलाधिकारी सभागार का उपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए किया गया हो। कहा कि आगे ऐसा न होने, कांग्रेस की तरफ से कड़ा प्रतिरोध जताया जाएगा।
बृजेश तिवारी, राजबली पांडे, संगीता श्रीवास्तव, हिमाचल साहनी, ओपी सिंह, शीतला पटेल, राकेश मिश्रा जय शंकर भारद्वाज, लल्लू राम पांडेय, शरद पनिका ,सूरज बर्मा, आशीष सिंह, स्वतंत्र साहनी आदि का कहना था जिलाधिकारी सभागार का राजनैतिक हितों को साधने के उद्देश्य से किए गए दुरूपयोग के लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार है ? इसकी जांच कराकर, दोषियों के विरुद्ध, संविधान सम्मत कार्रवाई की जाए ताकि जिलाधिकारी पद और जिला प्रशासन की विश्वसनीयता-निष्पक्षता बरकरार रहे।
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