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Sonbhadra News: फर्जी खतौनी दिखाकर बेच दी सरकारी जमीन, कब्जा न मिलने के बाद ठगी का खुलासा, केस दर्ज कर जांच मे जुटी पुलिस
Sonbhadra News: ओबरा तहसील में मुलाकात के दौरान आरोपी ने अच्छी जमीन बेचने का झांसा दिया और सरकारी जमीन की चौहद्दी दिखाते हुए जमीन बैनामा कर दी। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब आरोपी पीड़िता को कब्जा दिलाने नहीं आया।
फर्जी खतौनी दिखाकर बेच दी सरकारी जमीन, कब्जा न मिलने के बाद ठगी का खुलासा, केस दर्ज कर जांच मे जुटी पुलिस (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र । फर्जी खतौनी दिखाकर सरकारी जमीन बेचने का मामला सामने आया है। ओबरा थाना क्षेत्र से जुड़े इस प्रकरण में ओबरा पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने यह कार्रवाई एसपी की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में की है। आरोप है कि ओबरा तहसील में मुलाकात के दौरान आरोपी ने अच्छी जमीन बेचने का झांसा दिया और सरकारी जमीन की चौहद्दी दिखाते हुए जमीन बैनामा कर दी। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब आरोपी पीड़िता को कब्जा दिलाने नहीं आया। अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
मामले में ओबरा के सेक्टर 8-द्वितीय टी-134 कालोनी की रहने वाली सीता थापा पत्नी खुम बहादुर थापा ने एसपी को शिकायती पत्र सौंप कार्रवाई की गुहार लगाई थी। अवगत कराया था कि जुलाई 2024 में ओबरा तहसील में लोकनाथ पांडेय पुत्र अमरनाथ पांडेय निवासी सलखन, थाना चोपन से मुलाकात हुई थी। मुलाकात के दौरान जमीन की वय बेची की बात-चीत की थी। आरोप है कि आरोपी ने कूटरचित दस्तावेज और खतौनी दिखाकर अच्छी जमीन होने का भरोसा दिलाया और बैनामे की बात तय की। मौके पर जाकर जमीन भी दिखाई। बाद में पता चला कि वह जमीन दूसरे की थी। साथ ही, जो जमीन की गई, उसमें चौहद्दी सरकार जमीन की डाल दी गई।
बैनामा के बाद जमीन पर कब्जा लेने पहुंची पीड़िता, तब हुई जानकारी
पीड़िता को इस ठगी की तब जानकारी, जब वह जमीन की दाखिल खारिजा के बाद संबंधित जमीन पर कब्जा लेने गई। पता चला कि जिस जमीन का बैनामा किया गया है, वह जमीन ही विक्रेता की नहीं है। कूटरचित कागज के जरिए बैनामा किया गया है। वाकए की जानकारी के बाद पीड़िता ने आरोपी से मुलाकात की कई बार कोशिश की लेकिन वह नहीं मिला। आरोप है कि पीड़िता जब उसके घर पहुंची तो घर की दिवार फांदकर फरार हो गया। प्रकरण में ओबरा पुलिस बीएनएस की धारा 316 और 318 के तहत केस दर्ज कर छानबीन में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि लगाए गए आरोपों के आधार पर धोखाधड़ी और कूटरचना का केस दर्ज किया गया है। छानबीन की जा रही है।
दाखिल खारिज प्रक्रिया पर भी उठ रहे सवाल
कोई भी जमीन बैनामा की जाती है तो संबंधित लेखपाल को उस जमीन के बारे में रिपोर्ट देनी होती है। अपना बताकर दूसरे की बेची गई जमीन और गलत चौहद्दी के बारे में, संबंधित लेखपाल की तरफ से संबंधित जमीन को विक्रेता की होनी की रिपोर्ट कैसे दे दी गई? इसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहीं ओबरा तहसील में गलत तरीके से जमीनों के खरीद-फरोख्त का कोई रैकेट तो नहीं चल रहा? इसकी भी चर्चा की जा रही है। फिलहाल पुलिस की जांच कहां तक पहुंचती है? इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
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