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Sonbhadra News: महिला की खुदकुशी का मामला: हाईकोर्ट ने कथित प्रेमी को दी अग्रिम जमानत
Sonbhadra News: मामले में गिरफ्तारी की दशा में, संबंधित थाने के भारसाधक अधिकारी की संतुष्टि पर 50 हजार के व्यक्तिगत बंध पत्र, उसी धनराषि की दो प्रतिभू प्रस्तुत करने पर, पुलिस रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक, अग्रिम जमानत पर रिहा रखने का आदेश दिया है।
महिला की खुदकुशी के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले कथित प्रेमी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत (photo: social media )
Sonbhadra News: शाहगंज थाना क्षेत्र में पिछले दिनो एक महिला की खुदकुशी मामले में, उसके प्रेमी को आत्महत्या के उत्प्रेरण का दोषी बनाए जाने के मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की बेंच ने अधिवक्ताओं की ओर से दी गई दलीलों, आरोपों की प्रकृति, आरोपी की भूमिका सहित प्रकरण के अन्य तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए, बचाव पक्ष की ओर से दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली। मामले में गिरफ्तारी की दशा में, संबंधित थाने के भारसाधक अधिकारी की संतुष्टि पर 50 हजार के व्यक्तिगत बंध पत्र, उसी धनराषि की दो प्रतिभू प्रस्तुत करने पर, पुलिस रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक, अग्रिम जमानत पर रिहा रखने का आदेश दिया है।
जिला सत्र न्यायाधीश के यहां से खारिज कर दी गई थी अर्जी
बताते चलें कि प्रकरण को लेकर अग्रिम जमानत की अर्जी जिला एवं सत्र न्यायालय में दाखिल की गई थी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने धारा 180 बीएनएसएस के तहत दर्ज कराए गए बयान को दृष्टिगत रखते हुए, जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। कहा था कि अग्रिम जमानत एक अपवादिक प्राविधान है तथा इसका प्रयोग विशेष परिस्थितियों में ही होना चाहिए। तब बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्र के जरिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई।
प्रेमी से नहीं जुड़ सकता है लोकलाज का मसला: बचाव पक्ष
तर्क दिया गया कि आरोपी का संबंधित महिला की खुदकुशी से कोई लेना‘-देना नहीं है। महिला के पति ने, उससे बहन के बीमारी के इलाज के लिए कर्ज लिया था उसे देना न पड़े, इसलिए केस दर्ज करा दिया गया। लोकलाज के भय से खुदकुशी के मामले में कथित प्रेमी पर लगाए गए उत्प्रेरण के आरोप पर भी सवाल उठाए गए। कहा कि उत्प्रेरण का मामला पति की बजाय, प्रेमी पर कैसे लग सकता है, इसका कोई स्पष्ट विवरण एफआईआर में अंकित नहीं कराया गया है।
पुलिस रिपोर्ट दाखिल किए जाने पर प्रभावी रहेगा निर्णय
न्यायमूर्ति डॉ गौतम चौधरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की और सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए, अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करने का फैसला सुनाया। आदेश पारित किया गया कि पुलिस रिपोर्ट दाखिल करने तक अग्रिम जमानत आदेश प्रभावी रहेगा। इसके लिए आरोपी को पुलिस अधिकारी की तरफ से जांच के लिए बुलाने पर उपस्थित होना होगा। विवेचना और विचारण के दौरान पूरा सहयोग करेगा और जमानत की स्वत्रंतता का दुरूपयोग नहीं करेगा।
यह था मामला, जिस पर की गई सुनवाई
शाहगज थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने शाहगंज थाने में खुदकुशी के उत्प्रेरण का केस दर्ज कराया था। तहरीर के जरिए अवगत कराया था कि उसक शादी वर्ष 2018 में हुई थी। ं जीविकोपार्जन के लिए वह छत्तीसगढ़ रहता था। बीच-बीच में आता जाता था। इस बीच आरोपी दिनेश पांडेय उसकी पत्नी के संपर्क में आए और उससे प्रेम संबंध स्थापित कर लिए। पता चलने पर मना किया लेकिन वह नहीं माने। 21 फरवरी 2025 को उसकी बहन ने उसकी पत्नी और उसके प्रेमी दिनेश को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर टोका और उसे तथा उसकी पत्नी के मायके इसकी जानकारी दी। इसके बाद उसकी पत्नी ने लोकलाज के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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