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Sonbhadra: कौन बोल रहा है सच? अस्पताल प्रबंधन या पीड़ित परिवार, पुलिस की तफ्तीश पर टिकी निगाहें
Sonbhadra News: सोनभद्र के एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात के गायब होने का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चे की मौत का झूठा दावा किया, जबकि अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को नकार दिया है।
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Sonbhadra News: रविवार की दोपहर रॉबर्ट्सगंज के उरमौरा में एक निजी अस्पताल के बाहर चीखें गूंज रही थीं। कोई डॉक्टर को कोस रहा था, कोई न्याय की मांग कर रहा था… और भीड़ के बीच एक अधेड़ औरत फूट-फूट कर रो रही थी। कह रही थी कि “मेरा नाती कहाँ है?” आख़िर कौन बोल रहा है सच? इसे जानने के लिए लोगों की निगाहें पुलिस की तफ्तीश पर टिकी हुई हैं।मधुपुर गांव निवासी मुकेश की पत्नी सुनीता को प्रसव पीड़ा हुई थी। परिवार उसे बनारस पाली क्लिनिक लेकर पहुंचा। डॉक्टरों ने कहा, स्थिति गंभीर है, ऑपरेशन जरूरी है। रात को ऑपरेशन हुआ। प्रसव के बाद सुनीता की हालत गंभीर बताते हुए वाराणसी भेज दिया गया लेकिन बच्चा?किसी को नहीं पता कि वह अब कहाँ है।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पहले कहा, बच्चा जिंदा है, फिर बताया कि वह मृत पैदा हुआ। जब परिजनों ने शव मांगा, तो स्टाफ ने गोलमोल जवाब दिए। प्रसूता की मां धनराजी का कहना है — “अस्पताल ने पैसे तो पूरे ले लिए, पर न बच्चा दिखाया, न शव। आखिर सच्चाई क्या है?वहीं, अस्पताल प्रशासन ने पूरे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा — “नवजात मृत पैदा हुआ था। शव पिता को सौंप दिया गया। डॉक्टरों ने पूरी ईमानदारी से इलाज किया।” अब प्रसूता गंभीर हालत में वाराणसी के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। लेकिन सवाल जस का तस है — अगर बच्चा सच में मृत था, तो शव कहाँ गया? और अगर परिजनों का आरोप झूठा है, तो फिर ऐसी अफवाहें क्यों?
किस पर करें भरोसा? असमंजस में हैं लोग
उठ रहे सवालों का जवाब फिलहाल पुलिस की तफ्तीश पर टिका है, लेकिन यह घटना एक गहरी टीस छोड़ गई है। पीड़ित परिवार में बच्चे की किलकारी की जगह बस एक सवाल गूंज रहा है कि नवजात कहाँ है?” लोगों का कहना है कि किस पर भरोसा किया जाए। उस डॉक्टर पर जो भगवान कहलाता है, या उस मां पर जिसने अपना सब कुछ खो दिया?
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