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Unnao News : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन पर किसान सुखा रहे मक्का,राहगीरों को हो रही परेशानी-बढ़ा दुर्घटना का खतरा
Unnao News : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन पर किसान मक्का सुखा रहे हैं। भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे फसल सुखाना संभव नहीं रहा।
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Unnao News : बांगरमऊ में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन पर किसान मक्का सुखा रहे हैं। भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे फसल सुखाना संभव नहीं रहा। मजबूर किसान अब सड़क पर ही मक्का फैला रहे हैं। इससे जहां राहगीरों को परेशानी हो रही है, वहीं दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। किसान सरकार से कुछ दिन की मोहलत मांग रहे हैं। यह स्थिति किसानों की मजबूरी को दर्शाती है, लेकिन यातायात सुरक्षा के लिए प्रशासन को स्थायी समाधान तलाशना होगा। ताकि किसानों को राहत मिले और सड़कें भी सुरक्षित बनी रहें।
सड़कें बेहतर परिवहन व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर एक्सप्रेसवे और हाईवे का जाल इसलिए बिछा रही है ताकि यातायात सुगम हो सके और देश की रफ्तार तेज हो। लेकिन उन्नाव में इसका उल्टा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां सड़कों का इस्तेमाल वाहन संचालन के बजाय खेतों की उपज सुखाने के लिए हो रहा है। मामला बांगरमऊ से होकर गुजरने वाले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन का है। इस सर्विस लेन पर इन दिनों किसान अपनी मक्का की फसल सुखाते नजर आ रहे हैं।
हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण किसानों की मक्का की फसल खेतों में भीग गई थी। लगातार बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया और फसल को खेतों में सुखाना संभव नहीं रह गया। ऐसे में मजबूर किसान आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन पर मक्का फैला कर उसे सुखा रहे हैं। कोतवाली बांगरमऊ के रघुरामपुर से लेकर थाना बेहटा मुजावर तक सर्विस रोड पर मक्का की बोरियों के ढेर और सड़क पर फैला मक्का आसानी से देखा जा सकता है।
इस स्थिति के कारण राहगीरों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। सर्विस लेन पर मक्का फैले होने से वाहनों को निकलने में दिक्कत हो रही है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि कभी भी कोई बड़ा सड़क हादसा हो सकता है। अचानक मक्का पर वाहन फिसल सकते हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हो सकता है।किसानों से बात करने पर उनकी पीड़ा साफ झलकती है। रघुरामपुर गांव के किसान रानू गुप्ता ने बताया, “कर्ज लेकर मक्का बोया था। बारिश ने आधी फसल पहले ही बर्बाद कर दी है।
अब बचे हुए मक्के को अगर नहीं सुखाया तो पूरी मेहनत बेकार हो जाएगी। हमारे पास कोई और जगह नहीं है इसलिए हम मजबूरी में सड़क पर सुखा रहे हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि कुछ दिन की मोहलत दे दे ताकि हम मक्का सुखा सकें।”किसानों की मजबूरी समझी जा सकती है, लेकिन सड़क पर फसल सुखाना न सिर्फ यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहा है बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ा रहा है। प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है ताकि किसानों को भी राहत मिले और यातायात भी सुरक्षित बना रहे।
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