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Unnao News: पुल निर्माण के दौरान प्राचीन धरोहर की खुदाई पर आक्रोश, ग्राम प्रधान समेत ग्रामीणों ने की शिकायत
Unnao News: बांगरमऊ तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रोशनाबाद में सई नदी पर चल रहे पुल निर्माण कार्य के दौरान एक प्राचीन टीले की खुदाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
Unnao News: बांगरमऊ तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रोशनाबाद में सई नदी पर चल रहे पुल निर्माण कार्य के दौरान एक प्राचीन टीले की खुदाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्राम प्रधान सुशीला देवी के नेतृत्व में डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी बांगरमऊ को सामूहिक प्रार्थना पत्र देकर खुदाई कार्य पर तत्काल रोक लगाने और जांच की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार, सई नदी पर बन रहा पुल उन्नाव और हरदोई जिलों को जोड़ने का कार्य करेगा। निर्माण एजेंसी द्वारा पुल के मुहाने के भरान के लिए निकट स्थित एक ऐतिहासिक टीले की खुदाई शुरू कर दी गई है। यह टीला पूर्व में मजदूरों के अस्थायी निवास के लिए ग्राम प्रधान की सहमति से उपलब्ध कराया गया था। टीले की सफाई के दौरान मिट्टी के पुराने सिक्के व अन्य प्राचीन वस्तुएं भी दिखाई दी थीं, जिसकी सूचना प्रशासन को दी गई थी और पुलिस ने मौके का निरीक्षण भी किया था।
ग्राम प्रधान सुशीला देवी, ग्रामीण सुरेन्द्र कुमार, कन्हैया लाल, दीपक कुमार, आरती, छत्रपाल आदि का कहना है कि यह स्थान ऐतिहासिक महत्व का हो सकता है, और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। ग्रामीणों का आरोप है कि अब पुल निर्माण में उपयोग के लिए टीले की मिट्टी को उखाड़कर भरान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे उन्नाव जनपद की ओर से हरदोई जनपद की सीमा तक डाला जा रहा है।ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए बताया कि इस टीले के संबंध में कई बुजुर्गों की मान्यता है कि यह स्थल महाराजा सातन पासी के काल का किला रहा है। सफाई के दौरान भी जब मिट्टी के सिक्के मिले थे, तब भी लोगों ने इसे ऐतिहासिक स्थल मानने की बात कही थी। हालांकि, प्रशासन ने उस समय इन संकेतों को गंभीरता से नहीं लिया।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को आशंका है कि खुदाई के दौरान कोई कीमती वस्तु निकल सकती है, इसी लोभ में प्राचीन टीले को खनन कर मिट्टी निकालने का कार्य किया जा रहा है, जो पूरी तरह से अनुचित है। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी से मांग की है कि इस प्राचीन स्थल की खुदाई पर तत्काल रोक लगाई जाए और पुरातत्व विभाग से जांच कराकर स्थल की ऐतिहासिकता की पुष्टि कराई जाए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, टीला महाराजा सातन पासी काल का एक ऐतिहासिक किला हो सकता है। सफाई के दौरान जो सिक्के मिले थे वे मिट्टी से बने हुए थे, इसीलिए प्रशासन ने उन्हें महत्व नहीं दिया। लेकिन स्थानीय इतिहासकार और कुछ जागरूक ग्रामीण इसे गंभीर मामला मानते हैं। उनका कहना है कि यदि इस स्थान पर वैज्ञानिक खुदाई कराई जाए तो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्य सामने आ सकते हैं।
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