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UP ने दिखाई बुसान बुद्धिज्म एक्सपो में बौद्ध विरासत की भव्य झलक: कोरिया से हजारों पर्यटक आने की संभावना
UP News: 7 से 10 अगस्त तक आयोजित इस चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेले में यूपी के पवेलियन ने बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों और बौद्ध सर्किट की विशेषताओं को दुनियाभर से आए आगंतुकों के समक्ष प्रस्तुत किया।
UP ने दिखाई बुसान बुद्धिज्म एक्सपो में बौद्ध विरासत की भव्य झलक (photo: social media )
UP News: बौद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में उत्तर प्रदेश ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक नगर बुसान स्थित बेक्सको सेंटर में आयोजित बुसान इंटरनेशनल बुद्धिज्म एक्सपो 2025 में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अपनी समृद्ध बौद्ध विरासत का भव्य प्रदर्शन किया। 7 से 10 अगस्त तक आयोजित इस चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेले में यूपी के पवेलियन ने बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों और बौद्ध सर्किट की विशेषताओं को दुनियाभर से आए आगंतुकों के समक्ष प्रस्तुत किया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि इस आयोजन में उत्तर प्रदेश ने न केवल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया, बल्कि कोरिया और भारत के बीच आध्यात्मिक रिश्तों को भी नई ऊर्जा प्रदान की। एक्सपो में एशिया के विभिन्न देशों से आए बौद्ध भिक्षु, टूरिज्म प्रतिनिधि और टूर-ट्रैवल ऑपरेटरों ने हिस्सा लिया। यूपी का मंडप शांति, संस्कृति और ज्ञान की यात्रा' का प्रतीक बनकर उभरा, जहां बुद्धा राइस' सहित कई सांस्कृतिक उपहारों ने विशेष आकर्षण पैदा किया।
इन तीर्थ स्थलों के दर्शन का निमंत्रण स्वीकार
उत्तर प्रदेश पर्यटन पवेलियन का शुभारंभ भारतीय दूतावास की प्रथम सचिव एवं हेड ऑफ चांसरी अनन्या अग्रवाल और यूपी पर्यटन प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस दौरान कोरियाई बौद्ध धर्म के अत्यंत सम्मानित भिक्षु सुबुल सुनीम की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा और कपिलवस्तु जैसे स्थलों के संरक्षण और विकास के प्रयासों की सराहना की और भारत आकर इन तीर्थ स्थलों के दर्शन का निमंत्रण भी स्वीकार किया।
ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को दी नई पहचान
एक्सपो में यूपी पर्यटन ने बौद्ध स्थलों की उत्कृष्ट प्रस्तुति की। पवेलियन की सजावट, इंटरएक्टिव डिस्प्ले, रोचक कहानियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आगंतुकों को गहराई से जोड़ा। बुद्धा राइस’ जैसे प्रतीकात्मक उपहारों के माध्यम से भारत और कोरिया की सांझा परंपराओं व मूल्यों को रेखांकित किया गया। इसने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को नई पहचान दी।
राज्य के बौद्ध स्थलों में हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिक पर्यटक सुविधाओं की जानकारी भी साझा की गई। बेहतर कनेक्टिविटी, उच्चस्तरीय तीर्थ सुविधाएं और डिजिटल प्रचार के प्रयासों की कोरियाई प्रतिनिधियों ने सराहना की। कई भिक्षु समुदायों और टूर ऑपरेटरों ने यूपी आने वाले तीर्थयात्रियों के बड़े समूह भेजने में रुचि दिखाई।
जोग्ये ऑर्डर की भूमिका पर विचार-विमर्श
यूपी पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने कोरिया के जोग्ये ऑर्डर की बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग वोनजू से भी मुलाकात की। इस बैठक में भारत यात्रा को बढ़ावा देने में जोग्ये ऑर्डर की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ। विशेष रूप से अयोध्या का उल्लेख किया गया, जिसे कोरियाई पर्यटकों के लिए ऐतिहासिक महत्व का स्थान माना जाता है। मान्यता है कि कोरिया की महारानी हियो ह्वांग-ओक का जन्म अयोध्या में हुआ था।
इस एक्सपो के सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच उत्तर प्रदेश के बौद्ध सर्किट में 1,000 से अधिक कोरियाई पर्यटकों के आने की संभावना जताई गई है। इनमें से 22 से 27 जनवरी 2026 के बीच लगभग 500 तीर्थयात्रियों का एक बड़ा समूह आने वाला है, जबकि शेष पर्यटक विभिन्न तिथियों पर यूपी पहुंचेंगे।
भगवान बुद्ध ने करुणा, प्रेम और शांति का संदेश दिया।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल बौद्ध स्थलों को वैश्विक पहचान दे रहा है, बल्कि शांति, आस्था और संस्कृति के ऐसे सेतु भी बना रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को जोड़ेंगे। हमारा लक्ष्य है कि पूरी दुनिया उस धरती से परिचित हो, जहां से भगवान बुद्ध ने करुणा, प्रेम और शांति का संदेश दिया।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि यह एक्सपो उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह साझेदारी भविष्य में और भी अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगी।
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