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औद्योगिक हब बनेगा हरित यूपी ! पर्यावरण के प्रति सख्त हुई योगी सरकार, डिफेंस कॉरिडोर में हर छह माह होगी निगरानी रिपोर्ट

UP Industrial environment: डिफेंस कॉरिडोर जैसी राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं जब सख्त पर्यावरणीय नियमों का पालन करती हैं

Virat Sharma
Published on: 23 Jun 2025 9:11 PM IST
Lucknow News
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CM Yogi Aditya Nath

UP Industrial environment : उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम और उद्यम प्रदेश’ बनाने के विजन पर तेज़ी से काम कर रही योगी सरकार अब औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी समान प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक परियोजनाओं में पर्यावरणीय मानकों के पालन के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब प्रत्येक छह महीने में पर्यावरण अनुपालन रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

यह रिपोर्टें पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत मान्यता प्राप्त और एनएबीएल (राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) से प्रमाणित प्रयोगशालाओं द्वारा तैयार की जाएंगी। इन लैब्स को न केवल पर्यावरणीय मानकों की निगरानी करनी होगी, बल्कि तय प्रारूप में रिपोर्ट तैयार कर उसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड भी करना होगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी और यह दर्शाएगी कि औद्योगिक विकास पर्यावरणीय जवाबदेही के साथ हो रहा है।

डिफेंस कॉरिडोर और लॉजिस्टिक क्लस्टर में लागू होगी प्रक्रिया

यूपीडा ने यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक्स क्लस्टर (आईएमएलसी) परियोजनाओं के लिए अनिवार्य की है। इन परियोजनाओं के तहत जिन स्थानों को पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, वहां यह प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। यह रिपोर्ट न केवल राज्य सरकार को भेजी जाएगी बल्कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) को भी ऑनलाइन जमा की जाएगी।

इन रिपोर्टों में वायु, जल, ध्वनि और मिट्टी जैसे प्रमुख पर्यावरणीय घटकों की स्थिति का विस्तृत विवरण होगा। लैब्स द्वारा हर छह महीने में फील्ड निरीक्षण, सैंपलिंग और संबंधित विभागों से जानकारियां लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे पर्यावरणीय नियमों के पालन की सटीक निगरानी की जा सके।

अलीगढ़ से झांसी तक बढ़ेगी निगरानी, आगरा व उन्नाव भी जल्द जुड़ेंगे

यूपीडा के अनुसार, जिन जिलों में यह व्यवस्था पहले चरण में लागू हो रही है, उनमें अलीगढ़, कानपुर नगर, लखनऊ, चित्रकूट और झांसी शामिल हैं। इन स्थानों पर डिफेंस कॉरिडोर के तहत भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य जारी हैं। इन जिलों में पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी से न केवल स्थानीय पर्यावरण की स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि निवेशकों को भी यह भरोसा मिलेगा कि विकास कार्य पर्यावरणीय मानकों के अनुसार हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त आगरा और उन्नाव जिलों के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, वहां भी यही निगरानी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ औद्योगिक विकास का नया मॉडल बनेगा यूपी

योगी सरकार की यह पहल न केवल प्रदेश के सतत औद्योगिक विकास को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक तरक्की साथ-साथ चल सकते हैं। डिफेंस कॉरिडोर जैसी राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं जब सख्त पर्यावरणीय नियमों का पालन करती हैं, तो इससे न केवल आम नागरिकों की सेहत सुरक्षित होती है बल्कि वैश्विक निवेशकों को भी राज्य की स्थिर और जिम्मेदार नीति का भरोसा मिलता है।

यूपीडा द्वारा अपनाई गई यह पारदर्शी और सख्त पर्यावरणीय निगरानी व्यवस्था भविष्य में औद्योगिक नीति के एक मजबूत उदाहरण के रूप में उभरेगी। सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि उत्तर प्रदेश तेज़ी से विकास कर रहा है, लेकिन प्रकृति और पर्यावरण की कीमत पर नहीं। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में एक पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी और आर्थिक रूप से समृद्ध औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी।

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Virat Sharma

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Lucknow Reporter

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