यूपी पुलिस का बड़ा खुलासा, आगरा में अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार, आतंकी कनेक्शन सामने

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा में अवैध धर्मांतरण रैकेट का बड़ा खुलासा किया है। छह राज्यों में छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस गैंग के संबंध PFI, SIMI, लश्कर-ए-तैयबा और विदेशी फंडिंग से जुड़े मिले हैं। गिरोह सैकड़ों धर्मांतरण करवा चुका है।

Shivam Srivastava
Published on: 20 July 2025 9:12 AM IST
यूपी पुलिस का बड़ा खुलासा, आगरा में अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार, आतंकी कनेक्शन सामने
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने बलरामपुर के बाद अब आगरा में एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में छह राज्यों से एक महिला सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने बताया कि इस गैंग के तार प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी, एसडीपीआई, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। इसके अलावा, कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई से फंडिंग की मनी ट्रेल भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह ने हजारों की संख्या में अवैध धर्मांतरण करवाए हैं।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने आगरा पुलिस के इस बड़े खुलासे के बाद मामले की गहनता से पड़ताल के लिए एसटीएफ (Special Task Force) और एटीएस (Anti-Terrorist Squad) को भी मदद के लिए लगा दिया है। आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। अदालत ने सभी गिरफ्तार आरोपितों को 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है।

मिशन अस्मिता के तहत बड़ी कार्रवाई

डीजीपी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अवैध धर्मांतरण के खिलाफ "मिशन अस्मिता" चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई की शुरुआत मार्च 2025 में आगरा में दो सगी बहनों की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद हुई थी। आगरा के पुलिस कमिश्नर (CP) दीपक कुमार के निर्देश पर ADCP (सिटी) आदित्य के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच में पता चला कि दोनों युवतियों का ब्रेन वॉश कर उनका अवैध धर्मांतरण करवा दिया गया था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि अवैध धर्मांतरण के लिए कई देशों से फंडिंग की जा रही है। इस रकम का उपयोग देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने और कम उम्र की लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने में किया जा रहा था। डीजीपी ने खुलासा किया कि गिरोह के तौर-तरीके और फंडिंग का दायरा आईएसआईएस (ISIS) जैसे वैश्विक संगठनों की तर्ज पर थे।

6 राज्यों में छापेमारी, आतंकी हमलों की साजिश का खुलासा

आगरा के सीपी दीपक कुमार ने बताया कि जांच में सात अभियुक्तों के नाम सामने आए, जिनके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट (NBW) हासिल किया गया। इसके बाद 11 टीमें गठित की गईं और उन्हें पश्चिम बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा गया। इस दौरान तीन और अभियुक्तों के नाम सामने आए और कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि यह नेटवर्क धर्मांतरित लड़कियों को फिदायीन (आत्मघाती) हमलों के लिए भी तैयार कर रहा था। एक धर्मांतरित हिंदू युवती ने तो मतांतरण के बाद फेसबुक पर एके-47 राइफल के साथ अपनी प्रोफाइल भी अपलोड की थी।

यह गिरोह हिंदू युवतियों का ब्रेनवाश करता था और विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देता था। कट्टरपंथी वीडियो दिखाए जाते थे और कुछ युवतियों को आत्मघाती हमलों के लिए भी तैयार किया जा रहा था। इस गिरोह का मास्टरमाइंड उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी का करीबी दिल्ली निवासी रहमान बताया जा रहा है। उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी को चार साल पहले भी एटीएस ने अवैध मतांतरण कराने के मामले में गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार किए गए आरोपित

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपितों में शामिल हैं:

आयशा (एस.बी. कृष्णा) - गोवा से

अली हसन (शेखर रॉय) - कोलकाता से (आयशा के पति)

ओसामा - कोलकाता से

रिथ बानिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम - कोलकाता से

रहमान कुरैशी - आगरा से

अबू तालिब - मुजफ्फरनगर के खालापार से

अब्दुर रहमान उर्फ रूपेद्र सिंह - देहरादून से

मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पवार - जयपुर से

जुनैद कुरैशी - जयपुर से

मुस्तफा (मनोज) - दिल्ली से

इसके अतिरिक्त, एटीएस ने अवैध धर्मांतरण मामले में छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज उर्फ इमरान उर्फ बुहू और छांगुर के साले के बेटे शहाबुद्दीन को बलरामपुर से गिरफ्तार किया है। सबरोज और शहाबुद्दीन को साल 2023 में भी आजमगढ़ पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन बाद में दोनों जमानत पर बाहर आ गए थे। एटीएस द्वारा दो दिन पहले गिरफ्तार रशीद शाह भी इसी मामले में जेल गया था। आरोप है कि शहाबुद्दीन और सबरोज धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रलोभन देकर लाते थे।

पुलिस रिमांड और आगे की जांच

आरोपितों को आगरा की कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उनकी 10 दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकार की है। पुलिस अब आरोपितों से नए सिरे से पूछताछ कर रही है। गिरोह के कई अन्य सक्रिय सदस्यों की तलाश भी की जा रही है। गिरफ्तारी के लिए कुल 11 पुलिस टीमें गठित की गई थीं, जिनमें 45 सदस्य शामिल थे। अपर पुलिस उपायुक्त (सिटी) आदित्य ने इस गिरोह को पकड़ने में प्रमुख भूमिका निभाई।

पुलिस का कहना है कि यह गिरोह जनसांख्यिकीय परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने के उद्देश्य से विदेशी फंडिंग, हवाला, डार्क वेब और अन्य नेटवर्क के माध्यम से लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहा था। इस गिरोह में सक्रिय कई सदस्य ऐसे भी थे, जो पहले हिंदू थे और जिन्हें बहला-फुसलाकर इस्लाम कबूल करवाया गया था। आगरा के सदर थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 (इच्छा के विरुद्ध किसी महिला को ले जाना), 111(3), 111(4) (संगठित अपराध) और 3/5 उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साइबर क्राइम पुलिस को अवैध धर्मांतरण और कनाडा व अमेरिका से फंडिंग के सुराग मिले थे, जिसके बाद सात आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिया गया था।

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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