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'फर्जी ID पर फर्म बनाते... नकली इनवॉइस बनाकर GST करते थे चोरी', सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले गैंग को यूपी STF ने किया गिरफ्तार
UP News: यूपी STF की टीम ने फर्जी आईडी पर 100 से अधिक फर्मों को बनाकर उनके नाम पर नकली इनवॉइस व ई-वे बिल तैयार करके जीएसटी चोरी करने वाले 5 अभियुक्तों को कर्नाटक के बैंगलोर जिले के थाना वायदराहल्ली से गिरफ्तार किया।
UP STF arrested gang from Bangalore who creating a firm on fake ID and making fake invoices stealing GST
UP News: यूपी STF की टीम ने फर्जी आईडी पर 100 से अधिक फर्मों को बनाकर उनके नाम पर नकली इनवॉइस व ई-वे बिल तैयार करके जीएसटी चोरी करने वाले 5 अभियुक्तों को कर्नाटक के बैंगलोर जिले के थाना वायदराहल्ली से गिरफ्तार किया। यूपी STF की टीम ने बताया कि गिरफ्तार हुए गैंग के सभी अभियुक्त मूलतः राजस्थान के रहने वाले हैं। जिनके कब्जे से मोबाइल, प्रिंटर, अलग अलग कंपनियों के बिल बुक, मोहर व 4 पहिया वाहन बरामद हुए हैं। गिरफ्तारी के बाद अभियुक्तों से पूछताछ कर उनके गैंग के अन्य सदस्यों को लेकर पूछताछ की जा रही है।
आधार कार्ड लेकर फर्जी फर्म बनाकर ठगी करने को लेकर दी गयी थी शिकायत
यूपी STF की टीम से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में थाना खतौली में अश्वनी कुमार नाम के वादी की ओर से तहरीर देते हुए बताया था कि कुछ व्यक्तियों की ओर से नौकरी लगाने के नाम पर व्हाटसप के जरिये पीड़ित का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल आदि प्रमाण-पत्र ले लिया गया। इन प्रमाणपत्रों को लेकर उसके आधार पर पीड़ित के नाम पर एक फर्जी फर्म AK ट्रेडर्स रजिस्टर कराकर करीब 248 करोड़ के फर्जी बिल बनाए गए। इन्हीं बिल के सहारे धोखाधड़ी करके लगभग 45 करोड की जीएसटी चोरी की गई।
FIR दर्ज होने के बाद यूपी STF के हाथों सौंपी गई जांच
GST चोरी के मामले में पीड़ित की तहरीर के आधार पर थाना साईबर क्राइम मुजफ्फरनगर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। जिसकी विवेचना अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश की ओर से यूपी STF को ट्रांसफर की गई। जिसके बाद यूपी STF की अलग अलग यूनिट मामले में जांच करने के साथ ही इस पूरे गैंग की तलाश में जुट गई।
GST चोरी करने वालों के बैंगलोर में एक्टिव होने की मिली सूचना, STF ने किया गिरफ्तार
यूपी STF की टीम ने बताया कि जांच के दौरान मुखबिर व सर्विलांस की ओर से ये जानकारी मिली कि फर्जी कम्पनी बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य बैंगलौर कर्नाटक में रहकर काम कर रहे हैं। सूचना मिलते ही एसटीएफ की टीम बैंगलौर कनार्टक के लिए रवाना हुई। वहां पर एसटीएफ टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर थाना वायदराहल्ली के तूंगनगर स्थित कैपेगोडा नगर से राजस्थान के रहने वाले रतना राम, ओमप्रकाश, हनुमान राम, बुद्ध राम और संतोष कुमार नाम के 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान उनके कब्जे से 13 मोबाईल फोन, 1 प्रिंटर, 8 बिल बुक (विभिन्न कम्पनियों की, 4 रबड मोहर (विभिन्न कम्पनियों की), 1 नम्बरिंग मशीन, 4 चैक बुक (विभिन्न कम्पनियों के नाम), 1 कार टाटा एल्टरोज, 1 कार स्विफ्ट व 1 वैन्यू कार बरामद हुई है।
फर्जी फ़र्म के सहारे लाखों करोड़ों की GST चोरी करता है गिरोह
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे सभी बैंगलोर में किराये के मकान में रह रहे हैं। ये लोग अपने परिचित राजस्थान के रहने वाले लामूराम व सुरेश नाम के कहने पर बैंगलोर आए थे। बताया जाता है कि लामूराम व सुरेश सीधे साढ़े लोगों से नौकरी लगवाने आदि का लालच देकर उनसे उनके आधार कार्ड, पैनकार्ड आदि लेकर व किसी फर्जी ID पर सिम निकलवाकर उनके नाम पर जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन फर्जी फर्म रजिस्टर्ड करते हैं। इतना ही नहीं, रजिस्टर हुई फर्जी फर्म का इस्तेमाल फर्जी ई-वे बिल बनाकर लाखों-करोड़ों रुपयों की जीएसटी चोरी करते हैं।
पिछले 2 साल से एक्टिव है ये गैंग, कमीशन पर होता था पूरा काम
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे लामूराम व सुरेश के लिए पिछले करीब दो साल से उनके बताए अनुसार फर्जी जीएसटी बिल/ई-वे बिल काटने का काम करते हैं, जिसके लिए लाभूराम व सुरेश इन्हें मोबाईल फोन व इनमे लगे फर्जी ID के सिम तथा प्रिन्टर, चैक बुक, बिल बुक, रबर मोहरे, स्टाप आदि विभिन्न कम्पनियों को उपलब्ध कराते हैं। बताया जाता है कि जीएसटी बिल काटने के एवज में ये लोग गिरफ्तार अभियुक्तों को प्रति बिल तीन हजार रूपये देते हैं। किस कम्पनी के नाम पर कितने का बिल काटना है, इसकी डिटेल भी लामूराम व सुरेश की ओर से दी जाती है।
GST की चोरी करके भारत सरकार को करोड़ों का लगा चुके हैं चूना
टीम ने बताया कि जिस कम्पनी के नाम पर बिल काटना होता है, उस कम्पनी से सुरेश व लामूराम द्वारा अपनी बनाई गई फर्जी फर्म के बैंक खातों में पैसे लिए जाते है। उसके बाद अपना 10 से 20 प्रतिशत कमीशन काटकर पैसा कम्पनी द्वारा बताए गए किसी अन्य खाते में या कैश द्वारा कम्पनी को वापस कर देते है और बनाई गई फर्जी फर्म को कुछ समय बाद बिना जीएसटी जमा किए बन्द कर देते है। यूपी STF की टीम ने बताया कि इस तरह यह लोग जीएसटी की चोरी कर भारत सरकार को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुँचा चुके है।
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