TRENDING TAGS :
उत्तर प्रदेश कांग्रेस 22 से 30 जून तक चलाएंगी सरकारी स्कूल बचाओ पदयात्रा और चौपाल अभियान
UP Congress: यह अभियान विशेष रूप से प्रदेश के ग्रामीण, दलित, पिछड़े और आदिवासी बहुल इलाकों में संचालित किया जाएगा, जहां सरकारी स्कूलों की मौजूदगी ही गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का एकमात्र सहारा है।
UP Congress (Photo: Social Media)
UP Congress: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य सरकार द्वारा लगभग 5000 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करके अन्य स्कूलों में विलय के निर्णय को तानाशाही फरमान करार देते हुए इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। स्कूल बंद करना गरीबों से शिक्षा का अधिकार छीनना बताया है। कांग्रेस प्रदेशभर में सरकारी स्कूल बचाओ पदयात्रा और सरकारी स्कूल बचाओ चौपाल का आयोजन 22 जून से 30 जून 2025 तक करेगी।
शिक्षा के विरुद्ध तानाशाही फैसला
यह अभियान विशेष रूप से प्रदेश के ग्रामीण, दलित, पिछड़े और आदिवासी बहुल इलाकों में संचालित किया जाएगा, जहां सरकारी स्कूलों की मौजूदगी ही गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का एकमात्र सहारा है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार शिक्षा को आम जनता से छीनकर कॉरपोरेट और निजी हाथों में सौंपने की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, राज्य सरकार का कदम न सिर्फ़ असंवेदनशील है, बल्कि संविधान में निहित समान शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है। जिन बच्चों के पास निजी स्कूल में पढ़ने का साधन नहीं है, उनके लिए सरकारी स्कूल ही भविष्य की उम्मीद हैं।
अध्यक्ष का सरकार पर तीखा हमला
उन्होंने आगे कहा कि ये वही सरकार है जिसने देश का कर्ज चार गुना बढ़ा दिया है, लेकिन सरकारी स्कूलों की अच्छी इमारतों, इंग्लिश मीडियम शिक्षा, परिवहन सुविधा और योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बजट नहीं है। अजय राय ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हर जिले में 4-5 करोड़ रुपये के फाइव स्टार बीजेपी कार्यालय बन रहे हैं, आरएसएस की शाखाएं हर मोहल्ले में फैल रही हैं, लेकिन गरीब बच्चों के लिए चल रहे स्कूलों पर सरकार के पास खर्च करने को पैसा नहीं है। ये कैसा विकास है? उन्होंने पूछा कि देश का यह बढ़ता कर्ज आखिर किसके लिए लिया जा रहा है ?
चौपाल लगाकर जनता से संवाद
क्या अडाणी को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनाने के लिए या फिर आम बच्चों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए? इस आंदोलन के तहत प्रदेश के हर जिले में पदयात्राएँ निकाली जाएंगी और चौपाल लगाकर जनता से संवाद किया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता, स्थानीय नेता, शिक्षक, अभिभावक और छात्र अभियान में भाग लेंगे। इन कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा पर हमला कर रही नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार किया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि वह मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाएगी, यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge