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Varanasi News: हिंदुओं की पूजी जाने वाली गायों की दशा अत्यंत चिंतनीय, समय से नहीं मिल रहा पूर्ण आहार
Varanasi News: वाराणसी की उच्च अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उन अन बोलते जीव की सेवा करने में अपनी उदासीनता दिन प्रतिदिन उजागर करते रहते है।
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Varanasi News: वाराणसी मे काशी की नगरी में जहां पर तमाम देवी देवताओं की पूजा की जाती है उन्हें में से एक है गौ माता (गाय) जों हम सभी हिन्दुओ क़ी अत्यंत पूजनीय मानी गयी है जिसको हम लोग हिंदू धर्म के अनुसार पूजा इत्यादि करते है इसके जीते जागते उदाहरण स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो प्रत्येक समय गायों व अन्य जीवो के प्रति उदारता रखते हुुए इनको अच्छा से अच्छा उनकी उत्तम व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त और दिशा निर्देश भी देते रहते है।
सभी भी जीव जंतु पर बिशेष ध्यान दिया करें उनका कहना है कि उनको भी जीने का पूर्ण अधिकार है खास क़र गौ माता को इनको किसी प्रकार के दिक्कतों का सामना ना करना पड़े वही आपको प्रमुखता के साथ बता दे कि गाय के दूध का भारत का प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी रूप में इनकी दूध का प्रयोग प्रत्येक समय करता रहता है लेकिन वही आपको बता दें वाराणसी की उच्च अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उन अन बोलते जीव की सेवा करने में अपनी उदासीनता दिन प्रतिदिन उजागर करते रहते हैं इसके कारण हमारे देश में पूजी जाने वाली गौ माता की स्थिति एकदम देयनीय अवस्था में आज जीने को मजबूर है।
आपको बता दें की गोवंशीय पशुओं को संरक्षण देने के साथ-साथ उनकी देखभाल के लिए संचालित गोशालाओं की स्थिति गर्मी के मौसम में बेहद चौंकाने वाली है। बढ़ते तापमान के बीच गोवंशीय पशु बेहाल हैं। कहीं पंखे नहीं लगे हैं तो कहीं पशु धूप में बांधे जा रहे हैं। कई जगह गोशालाओं में बिजली कनेक्शन नहीं है। उन्हें चारे के रूप में सूखा भूसा ही खिलाया जा रहा है। जगह-जगह संचालित गोशालाओं की पड़ताल की तो व्यवस्थाएं चौपट मिलीं। विशेषकर सहसापुर, खजूही बाबत पुर व छितौनी कोर्ट जगहों मे क्षेत्र में पशु धूप में बैठे मिले और सूखा भूसा ही उनके आगे पड़ा मिला। जबकि, अधिकारी गोवंश की सही देखरेख कराने का दावा करते रहते हैं।
दोपहर के समय यहां बंधे पशुओं को सूखा भूसा खिलाया जा रहा था। टीन शेड होने के बाद कई पशु धूप में बंधे थे। टीन शेड जों पंखे लगे थे, तो कई खराब हालत में थे। जबकि, इन दिनों गर्मी चरम पर है। गोवंशीय पशुओं हर सुविधा देने के दावे यहां खोखले होते नजर आ रहे हैं। जबकि, स्थानीय अधिकारी तरह-तरह के दावे करते रहते हैं।तहसील क्षेत्र की गोशालाओं में गर्मी के मौसम में पशु बेहाल है। उन्हें खाने के लिए सिर्फ सूखा भूसा मिल रहा है। जबकि गर्मी से बचने के लिए अधिकांश गोशालाओं में पंखे भी नहीं है।
आज दोपहर को पशु सूखा भूसा खाते मिले। उनके ऊपर गर्मी से बचने के लिए पंखे की व्यवस्था तक नहीं थी।वहीं कई गोशाला में भी पशुओं को हरा चारा नहीं मिल रहा है। वहां भी सूखा चारा खाने को पशु मजबूर हैं।गोशाला में भूख मिटाने के लिए कई पशु पराली खाते नजर आए। जिनकी सेहत भी खराब नजर आई।भीषण गर्मी के बीच पशु यहां बेहाल मिले।
टीन शेड पर न तो पंखे थे और न ही बिजली को कोई इंतजाम। पशुओं को खाने के लिए सूखा भूसा दिया जा रहा है। कुछ पशु खुले में धूप में बंधे मिले। यही चोकर आदि की भी यहां व्यवस्था नहीं है।यह स्थिति वाराणसी के हर गौशाला में है दबी जुबान से यहां के कर्मचारियों ने news track के संवाददाता को बताया कि इन गौशालाओं में आवश्यकता से अधिक पशुओं को रखा गया है जिसकी देखभाल समुचित ढंग से नहीं की जा रही है जिसके कारण इनकी स्थिति अत्यंत ही चिंतनीय हैं।
ऐसे में गोवंश को सुविधा नहीं मिल पा रही है। कई पशु धूप में खुले में छोड़ रखे हैं। वहीं, चारे में भूसा ही मिल रहा है। समय पर चारा न मिलने पर पशुओं की सेहत भी बिगड़ने की कगार पर है।आपको प्रमुख्ता के साथ बता दें कि एक पशु के लिए 55 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलते हैं।लेकिन, हालात यह हैं कि कई जगह क्षमता से अधिक पशु होने के चलते उन्हें चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और गर्मी में बेहाल हैं।
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