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Varanasi News: वाराणसी: राजभर परिवार और सिंह परिवार के बीच खूनी संघर्ष के बाद राजभर समाज का धरना, प्रशासन ने मानीं मांगें; SIT गठित
Varanasi News: धरना प्रदर्शन के दौरान राजभर समाज ने अपनी 6 सूत्रीय मांगें रखीं। जिलाधिकारी और कमिश्नर द्वारा मांगों को मान लिए जाने के आश्वासन के बाद 11 जुलाई को धरना समाप्त कर दिया गया था।
राजभर परिवार और सिंह परिवार के बीच खूनी संघर्ष के बाद राजभर समाज का धरना, प्रशासन ने मानीं मांगें; SIT गठित (Photo- Newstrack)
Varanasi News: वाराणसी, 13 जुलाई 2025: वाराणसी स्थित चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में बीती 5 जुलाई को भोला राजभर परिवार और संजय सिंह परिवार के बीच हुए खूनी संघर्ष और मारपीट के बाद उत्पन्न तनाव को शांत करने के लिए राजभर समाज ने न्याय और सुरक्षा की मांग को लेकर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार की सुलेखा राजभर, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. राहुल राजभर, जागो राजभर के महेंद्र राजभर, अरविंद भरद्वाज और हरिश्चंद बिंद के नेतृत्व में सैकड़ों लोग 10 और 11 जुलाई को शास्त्री घाट पर एकत्रित हुए।
धरना प्रदर्शन के दौरान राजभर समाज ने अपनी 6 सूत्रीय मांगें रखीं। जिलाधिकारी और कमिश्नर द्वारा मांगों को मान लिए जाने के आश्वासन के बाद 11 जुलाई को धरना समाप्त कर दिया गया था।
आज, 13 जुलाई को, उन मांगों को मान लिए जाने के स्पष्टीकरण के साथ डीसीपी वरुणा ज़ोन, प्रमोद कुमार ने आंदोलन पर बैठे लोगों की टीम के साथ पुलिस लाइन में एक बैठक की। डीसीपी ने विस्तार से बताया कि प्रशासन ने राजभर समाज की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और उन पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है:
प्रशासन ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
संबंधित थाना अध्यक्ष और अन्य जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें निजी स्तर पर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और परिवार को बंदूक का लाइसेंस भी दिया जाएगा।
वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक विशेष टीम चिकित्सकीय पक्ष का विश्लेषण करेगी।
इलाज के सभी खर्चों का इंतजाम और प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
समुचित जांच के बाद फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाएगा।
बैठक में परिजनों और आंदोलन कर्मियों द्वारा शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की गई, ताकि किसी भी तरह की जातीय हिंसा को बढ़ावा न मिले। इस बैठक में ज्वाला राजभर, संतोष प्रजापति, ओम प्रकाश राजभर, सुजीत राजभर, शशि राजभर, आशीष राजभर, अनिल राजभर और तिलकधारी राजभर सहित कई अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित रहे। यह घटना प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों को दर्शाती है।
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