योगीराज में राजभरों पर 'गुंडाराज'! वाराणसी मारपीट मामले पर अरविंद राजभर ने DGP से की मुलाकात, रखी ये मांगे

Varanasi News: दो पक्षों के बीच मामूली विवाद कुछ ही मिनटों में खूनी संघर्ष में बदल गया। लेकिन जो हैरान करने वाला पहलू है, वो ये कि हमले का निशाना सिर्फ एक पक्ष राजभर समाज बना। लाठी, डंडे, लोहे की रॉड और ईंट-पत्थरों से लैस भीड़ ने बेरहमी की सारी हदें पार कर दीं।

Harsh Srivastava
Published on: 11 July 2025 2:17 PM IST (Updated on: 11 July 2025 2:45 PM IST)
योगीराज में राजभरों पर गुंडाराज! वाराणसी मारपीट मामले पर अरविंद राजभर ने DGP से की मुलाकात, रखी ये मांगे
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Varanasi News: 5 जुलाई 2025 वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के ग्राम छीतौना में कुछ ऐसा हुआ जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक तरफ़ थे राजभर समाज के आम लोग, जिनके पास न तो सत्ता की ताकत थी, न ही प्रशासन का संरक्षण… और दूसरी तरफ़ थी हिंसा की भूखी वह भीड़, जिसने किसी रंजिश या घमंड में उस समाज पर हमला बोला जो आज़ादी के 75 साल बाद भी न्याय के लिए गिड़गिड़ाने को मजबूर है। बताया जा रहा है कि दो पक्षों के बीच मामूली विवाद कुछ ही मिनटों में खूनी संघर्ष में बदल गया। लेकिन जो हैरान करने वाला पहलू है, वो ये कि हमले का निशाना सिर्फ एक पक्ष राजभर समाज बना। लाठी, डंडे, लोहे की रॉड और ईंट-पत्थरों से लैस भीड़ ने बेरहमी की सारी हदें पार कर दीं। चीखते-बिलखते लोगों को पीटा गया। खून से सनी सड़कें, टूटी हड्डियां और दम तोड़ती इंसानियत… सब कुछ वहां बिखरा पड़ा था।

कोमा में है बेटा

हमले में सबसे गंभीर रूप से घायल युवक इस वक़्त बीएचयू हॉस्पिटल, वाराणसी में कोमा में ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। लेकिन जब उन्होंने उम्मीद से पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया तो मिला क्या? एक और झटका। स्थानीय पुलिस ने न सिर्फ़ हमलावरों को बचाने की कोशिश की, बल्कि उल्टे पीड़ित राजभर समाज पर भी मुकदमा ठोक दिया। यानी घर पर हमला भी, अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई भी और ऊपर से न्याय मांगने पर मुकदमा भी? ये कैसा न्याय है?

डॉ. अरविंद राजभर ने ठोकी डीजीपी के दरवाज़े पर दस्तक

इस घटना के बाद सूबे की राजनीति में उबाल आ गया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और डॉ. अरविंद राजभर ने इसे "राजभर अस्मिता पर सीधा हमला" बताया। उन्होंने 11 जुलाई को पुलिस महानिदेशक से मिलकर न केवल इस जघन्य कांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग की, बल्कि जिम्मेदार पुलिस अफसरों की तत्काल बर्खास्तगी की बात भी कही। डॉ. राजभर का कहना है कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो इस घटना की आंच पूरे प्रदेश में फैलेगी। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि "यह कोई आम झगड़ा नहीं, बल्कि कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित समुदाय के आत्मसम्मान को कुचलने की कोशिश है। अगर अब भी शासन नहीं जागा, तो कानून पर से लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा।" साथ ही अरविंद राजभर ने इस गंभीर मामले को लेकर उन्होंने कुछ तत्काल और आवश्यक माँगें की हैं, पीड़ित परिवार को अविलंब पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए साथ ही घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों का पूरा इलाज सरकारी खर्च पर सुनिश्चित किया जाए, लापरवाह अधिकारियों पर हो सख़्त कार्रवाई और फ़र्ज़ी मुकदमे हों रद्द, उच्चस्तरीय स्वतंत्र जाँच और तुरंत गिरफ्तारी की अपील।

क्या अब जागेगा योगी सरकार का सिस्टम?

डॉ. राजभर की मांगें बेहद स्पष्ट हैं: पीड़ितों को सुरक्षा, घायल को बेहतर इलाज, दोषी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी, फर्जी मुकदमों की वापसी और निष्पक्ष जांच। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या योगी सरकार इस मामले में बिना किसी राजनीतिक दबाव के फैसला ले पाएगी? इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश की ज़मीन पर न्याय सिर्फ़ एक शब्द भर रह गया है, जिसे पाने के लिए भी जाति, हैसियत और राजनीतिक पहुंच की कीमत चुकानी पड़ती है। जब तक सत्ता के गलियारों में बैठे लोग इस खामोश चीख को नहीं सुनते, तब तक हर गांव, हर गरीब और हर राजभर इस खौफ में जीता रहेगा कि अगला नंबर कहीं उनका तो नहीं?

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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