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Varanasi News: ‘क’ कला दीर्घा में काशी के प्रबुद्ध समाज ने उठाए अनुसूचित जाति‑जनजाति के सवाल
Varanasi News: सांसद तनुज पूनिया ने महत्त्वपूर्ण बात कही कि पिछले 8 वर्षों में उच्च शिक्षा का गिरता स्तर अनुसूचित वर्ग की प्रतिभा को मुक़ाबले से बाहर कर रहा है।
‘क’ कला दीर्घा में काशी के प्रबुद्ध समाज ने उठाए अनुसूचित जाति‑जनजाति के सवाल (Photo- Newstrack)
Varanasi News: लंका स्थित ‘क’ कला दीर्घा में आयोजित परिचर्चा में बाराबंकी के सांसद तनुज पूनिया और पूर्व सांसद व एससी आयोग के अध्यक्ष डॉ. पी. एल. पुनिया ने “भारत में अनुसूचित जाति‑जनजाति की वर्तमान स्थिति एवं काशी की श्रमण संस्कृति” विषय पर अपने विचार रखे।
परिचर्चा के मुख्य बिंदु:
• सांसद तनुज पूनिया ने महत्त्वपूर्ण बात कही कि पिछले 8 वर्षों में उच्च शिक्षा का गिरता स्तर अनुसूचित वर्ग की प्रतिभा को मुक़ाबले से बाहर कर रहा है।
• उन्होंने भारत‑चीन पेपरमिंट व्यापार का उदाहरण देते हुए सरकारी ट्रेड नीतियों में भारतीय उत्पादकों को बौना बनाए जाने की आलोचना की।
• डॉ. पी. एल. पुनिया ने उल्लेख किया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन चाहते थे, लेकिन अब सत्ता पक्ष सामाजिक न्याय के स्तंभ ही खोखले कर रहा है।
• वरिष्ठ नेता परमेन्द्र सिंह ने काशी को कबीर, रैदास, तुलसी की कर्मभूमि बताते हुए कहा कि प्रबुद्ध समाज इन हत्यारे प्रयासों का विरोध करेगा।
• संजीव सिंह ने कहा कि यूपी में 28,000 स्कूल बंद होने और शराब की दुकानों में वृद्धि ने दिखा दिया है कि सरकार अनुसूचित जाति को कौन-सा जीवन देना चाहती है।
• डॉ. लेनिन रघुवंशी ने काशी को शिव–बुद्ध–कबीर की नगरी बताते हुए कहा कि जब जात‑पितृवश समाज दबता है, प्रबुद्ध वर्ग खड़ा होता है।
अन्य वक्ता:
प्रो. सदानन्द शाही (BHU), डॉ. दिनबंधु तिवारी, राजेश चौधरी, राहुल राज (उपाध्यक्ष, काशी विद्यापीठ) आदि ने भी सारगर्भित दृष्टिकोण साझा किया।
आयोजन संचालन: डॉ. शम्मी कुमार सिंह
धन्यवाद ज्ञापन: श्रुति नागवँशी
उपस्थित प्रमुख लोग: आदित्य राज सिंह (दिल्ली विश्वविद्यालय), रोहित राणा, लालू कन्नौजिया, गौरव राव आदि सैकड़ों लोग शामिल रहे।
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