Varanasi News: ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ, विद्यार्थियों में बढ़ेगी सृजनात्मकता

Varanasi News: चित्रकला अनुभाग में कार्यरत प्रशिक्षु आदित्य सिंह ने कार्यशाला का संचालन किया व अलख कुमार और श्रेया दुबे ने प्रतिभागियों को कला के विभिन्न आयामों से अवगत कराया।

Ajit Kumar Pandey
Published on: 29 May 2025 9:28 PM IST
Summer art workshop inaugurated, students will increase creativity
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ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ, विद्यार्थियों में बढ़ेगी सृजनात्मकता (Photo- Social Media)

Varanasi News: वाराणसी में आज महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विष्वविद्यालय वाराणसी, के प्रांगण में राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश और चित्रकला अनुभाग, महिला महाविद्यालय, के संयुक्त तत्वधान द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का शुभारम्भ अपराह्न हुआ।

इस कार्यशाला का उद्घाटन महिला महाविद्यालय की प्राचार्या एवं कार्यक्रम संरक्षक प्रो. रीता सिंह द्वारा किया गया। प्रो. रीता सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि “मन के तनाव को दूर कर कला आनंद कि ओर ले जाती है, कला केवल एक माध्यम नही है, बल्कि यह आत्म-अभिव्यक्ति का एक सशक्त साधन है”। इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा कार्यशाला के दौरान होने वाले कलात्मक गतिविधि एवम् प्रशिक्षण कि रुपरेखा को प्रतिभागियों के समक्ष रखा।

चित्रकला अनुभाग की अनुभागाध्यक्ष प्रो. सरोज रानी ने प्राचार्या को पुष्प देकर सम्मानित किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। चित्रकला विभाग प्रत्येक वर्ष इस कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों के बीच सृजनात्मकता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है तथा कला के विभिन्न आयामों से परिचित करा रहा है। यह कार्यशाला - 29-05-2025 से 18-06-2025 तक चलेगी,

आज लगभग 60 विद्यार्थियों ने सहभाग किया। चित्रकला अनुभाग में कार्यरत प्रशिक्षु आदित्य सिंह ने कार्यशाला का संचालन किया व अलख कुमार और श्रेया दुबे ने प्रतिभागियों को कला के विभिन्न आयामों से अवगत कराया। शोध छात्र मुन्नु प्रसाद, ऋचा सिंह, अमृता ने भी प्रतिभागियों को प्रयोगात्मक कार्य करने हेतु सहयोग किया।

एम.एफ.ए. व्यावहारिक कला, प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा रचनात्मक कार्यो की प्रदर्शनी का भव्य आयोजन

Varanasi News: में दृश्य कला संकाय स्थित अहिवासी कला दीर्घा में एम.एफ.ए. प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा एक विशेष कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने डिजिटल कार्यों को भौतिक रूप में प्रस्तुत कर नवीन प्रयोग की मिसाल पेश की। यह प्रदर्शनी न केवल कला के विविध रूपों को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक मूल्यों जैसे महत्वपूर्ण विषयों को भी प्रभावी ढंग से उजागर करती है।


प्रदर्शनी में दिव्या कुमारी द्वारा "Awareness for Eye Donation" विषय पर तैयार किए गए चित्रों ने नेत्रदान जैसे गंभीर सामाजिक विषय की ओर ध्यान आकर्षित किया। वहीं अंशु चौबे ने "Hygiene You" के माध्यम से व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। इसी क्रम में चंचल उत्सवी और अन्य छात्रों ने भी विविध सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों को अपनी चित्रात्मक अभिव्यक्ति से सजीव रूप प्रदान किया।

प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण रहा अयान मौर्या द्वारा प्रस्तुत "शब्द से चित्र तक – महामना की प्रेरणा" नामक चित्रमाला। इस विशेष श्रृंखला में भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रेरणादायक विचारों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। हर चित्र उनके जीवन के किसी न किसी मूल्यवान सिद्धांत—जैसे कि चरित्र, शिक्षा, ईमानदारी, परिश्रम, सेवा और राष्ट्रप्रेम—को उजागर करता है। इस रचना का उद्देश्य युवाओं को भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और जीवन के आदर्शों की ओर प्रेरित करना है।चित्रमाला के पर्यवेक्षक के रूप में डॉ. आशीष कुमार गुप्ता,सहायक प्रोफेसर एप्लाइड आर्ट्स व विभाग प्रमुख प्रो. मनीष अरोड़ा का मार्गदर्शन छात्रों को प्राप्त हुआ |

प्रदर्शनी को देखने हेतु आये आगंतुकों, कला समीक्षकों एवं संकाय आचार्यो ने छात्रों के कार्यों की मुक्त कंठ से सराहना की और उनकी रचनात्मक सोच, सामाजिक चेतना और प्रस्तुति के प्रयासों की प्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को आगामी कलात्मक प्रयोगों के लिए उपयोगी सुझाव भी प्रदान किए, जिससे भविष्य में इन कृतियों का प्रभाव और अधिक सशक्त हो सके।

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि समकालीन कला न केवल सौंदर्यबोध की संवाहक है, बल्कि समाज के ज्वलंत मुद्दों पर संवाद स्थापित करने का एक प्रभावशाली माध्यम भी है।

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