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Varanasi News: रेल इंजन कारखाना से 21 कर्मचारी और बीएचयू से 14 शिक्षक हुए सेवानिवृत्त; योगदान को सराहा गया
Varanasi News: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय - में अपने कर्मचारियों और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई और सम्मान समारोह आयोजित किए गए।
रेल इंजन कारखाना से 21 कर्मचारी और बीएचयू से 14 शिक्षक हुए सेवानिवृत्त; योगदान को सराहा गया (Photo- Newstrack)
Varanasi News: वाराणसी, उत्तर प्रदेश: जून माह के अंतिम दिन वाराणसी में दो प्रमुख संस्थानों - बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय - में अपने कर्मचारियों और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई और सम्मान समारोह आयोजित किए गए। इन समारोहों में सेवा निवृत्त होने वाले कर्मियों के दीर्घकालिक योगदान को सराहा गया और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
बरेका में 21 कर्मचारियों को ससम्मान विदाई:
बनारस रेल इंजन कारखाना में जून माह में कुल 21 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। प्रशासन भवन के कीर्ति कक्ष में आयोजित विदाई समारोह में प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी जनार्दन सिंह ने सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को फोल्डर और मेडल प्रदान कर ससम्मान विदाई दी। इस अवसर पर वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी राजकुमार गुप्ता ने सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी और उन्हें वित्तीय योजनाएं बनाने पर बल दिया।
बरेका केंद्रीय चिकित्सालय के मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ शर्मा ने सभी को नियमित योग, व्यायाम और संतुलित जीवनशैली अपनाने की सलाह दी। जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में कर्मचारी परिषद के सदस्यों और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधियों ने भी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को सरकारी योजनाओं में सुरक्षित निवेश के विकल्प बताए और उपहार दिए। लेखा एवं कार्मिक विभाग के सहयोग से सभी को एकमुश्त भुगतान भी सुनिश्चित किया गया।
बीएचयू कला संकाय से 14 शिक्षकों का सम्मान:
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कला संकाय ने सोमवार को अधिवर्षिता प्राप्त करने वाले 14 संकाय सदस्यों के लिए उनके अंतिम कार्यदिवस पर सम्मान समारोह आयोजित किया। संकाय प्रमुख प्रो. सुषमा घिल्डियाल ने इन शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। प्रो. घिल्डियाल ने विश्वविद्यालय की सेवा के दौरान इन शिक्षकों के अमूल्य योगदान की सराहना की और कहा कि इनके प्रयासों से संकाय और विश्वविद्यालय ने प्रगति के नए शिखर छुए हैं।
सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों में प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, संस्कृत, संग्रहालय विज्ञान, दर्शन शास्त्र तथा पाली एवं बौद्ध अध्ययन विभागों के प्रतिष्ठित प्रोफेसर और डॉक्टर शामिल हैं, जिन्होंने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन दोनों समारोहों ने समाज और संस्थानों के निर्माण में इन समर्पित व्यक्तियों के योगदान को रेखांकित किया और उन्हें भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
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