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अगर जलभराव हुआ तो...योगी आदित्यनाथ ने अधिकारीयों को दी चेतावनी, सतर्कता से काम करने की दी हिदायत
CM Yogi warning to officials: उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और जलभराव के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त एक्शन! अधिकारियों को अंतिम चेतावनी – लापरवाही पर होगी सीधी जवाबदेही। जानें क्या है योगी का मास्टर प्लान बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए।
CM Yogi warning to officials: उत्तर प्रदेश पर इन दिनों मौसम का कहर बरस रहा है। कहीं बेहिसाब बारिश ने जल प्रलय ला दी है, तो कहीं सूखा पड़ रहा है। लेकिन इस आसमानी आफत के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो फैसला लिया है, उसने पूरे प्रदेश के प्रशासनिक अमले में खलबली मचा दी है। यह सिर्फ एक समीक्षा बैठक नहीं थी, बल्कि अधिकारियों को दी गई एक ऐसी आखिरी चेतावनी थी, जिसके बाद पूरे लखनऊ सचिवालय में सन्नाटा पसर गया है। योगी ने साफ-साफ कह दिया है कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जनता को जरा सी भी असुविधा हुई, तो सीधे तौर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह सिर्फ बयानबाजी नहीं है, बल्कि एक ऐसा 'मास्टर प्लान' है, जिसे मुख्यमंत्री ने खुद तैयार किया है। इस प्लान के तहत, न सिर्फ पानी से भरे शहरों और गांवों को बचाने की तैयारी है, बल्कि उन इलाकों को भी राहत पहुंचाने का इंतजाम किया गया है, जहां बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है। अधिकारियों को योगी का आखिरी अल्टीमेटम: 'एक भी गलती हुई तो...'
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश और जलभराव की स्थिति को लेकर एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में सीएम योगी का सख्त रवैया देखकर अधिकारी भी सकते में आ गए। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आम जनता को किसी भी तरह की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरों में जल निकासी की व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से सुचारु बनाया जाए, और इसमें किसी भी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। योगी ने साफ चेतावनी दी है कि इस बार अगर जनता को कोई शिकायत मिली या किसी भी आपात स्थिति की जानकारी मिली, तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण सड़कों को जो नुकसान हुआ है, उसकी मरम्मत भी प्राथमिकता के आधार पर की जाए। किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए, बिजली विभाग को उन इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर बेहद सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं, जहां जलभराव की स्थिति बनी हुई है। यह आदेश बताता है कि सरकार ने सिर्फ बाढ़ से नहीं, बल्कि उससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी समस्या से निपटने की तैयारी कर ली है।
बुंदेलखंड से लेकर 16 जिलों तक... मंत्री करेंगे 'ग्राउंड जीरो' पर दौरा!
सीएम योगी ने इस बार सिर्फ अधिकारियों को निर्देश देकर इतिश्री नहीं की है, बल्कि उन्होंने मंत्रियों को भी 'ग्राउंड जीरो' पर उतरने को कहा है। उन्होंने जलशक्ति मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे खुद बुंदेलखंड समेत उन क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण करें, जहां ज्यादा बारिश हुई है। उनका काम सिर्फ जायजा लेना नहीं होगा, बल्कि जलभराव, बाढ़ और जल संरचनाओं की स्थिति का मूल्यांकन भी करना होगा। यह एक ऐसा फैसला है जो बताता है कि सरकार इस बार सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि हकीकत में जमीन पर काम करने के मूड में है। लेकिन इस 'मास्टर प्लान' का एक और पहलू भी है। उत्तर प्रदेश के 16 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक औसत से कम बारिश हुई है। इन जिलों में सूखे की स्थिति बन रही है। ऐसे में, सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाया जाए। यह एक ही समय में दो अलग-अलग तरह की आपदाओं से लड़ने की रणनीति है।
जान बचाने के लिए बनाया 'अंतिम सुरक्षा कवच'
सीएम योगी ने बाढ़ की आशंका वाले संवेदनशील इलाकों के लिए भी पहले से तैयारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इन इलाकों में राहत और बचाव दल, नाव, सर्च लाइट, जीवन रक्षक उपकरण, और मेडिकल किट जैसी सभी जरूरी सामग्री तैयार रखी जाए। मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि किसी भी कीमत पर जनहानि या पशुहानि नहीं होनी चाहिए। प्रशासन को पूरी सतर्कता के साथ काम करने को कहा गया है। इसके अलावा, लोगों को मौसम से जुड़ी नई जानकारी भी समय-समय पर दी जाए, ताकि वे खुद भी सुरक्षित रह सकें। यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री ने हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा है। चाहे वह बाढ़ से बचाने की तैयारी हो, बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना हो, या फिर सूखे से जूझ रहे किसानों को राहत पहुंचाना हो, हर पहलू पर गंभीरता से विचार किया गया है।
क्या योगी का 'मास्टर प्लान' होगा कामयाब?
अब सवाल यह है कि क्या सीएम योगी का यह 'जीरो टॉलरेंस' वाला 'मास्टर प्लान' कामयाब होगा? क्या अधिकारी इस बार वाकई लापरवाही नहीं करेंगे? क्या प्रदेश में बारिश और बाढ़ की वजह से जान-माल का नुकसान नहीं होगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि योगी सरकार ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी है। पूरा प्रशासनिक अमला अलर्ट पर है और हर कोई जानता है कि इस बार गलती की कोई गुंजाइश नहीं है। योगी के इस फैसले ने न सिर्फ अधिकारियों को हिलाकर रख दिया है, बल्कि जनता के बीच भी एक उम्मीद जगा दी है कि इस बार उन्हें सरकार से हर संभव मदद मिलेगी। यह एक ऐसा कदम है, जो बताता है कि जब आपदा आती है, तो नेतृत्व ही सबसे बड़ी उम्मीद बनता है।
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