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Pilibhit News: ब्रह्मचारी घाट पर सौंदर्यीकरण कार्य ठप, नपा अध्यक्ष ने CM से शिकायत की चेतावनी दी
Pilibhit News: नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. आस्था अग्रवाल ने रुके हुए काम पर जताई नाराजगी, प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार को ठहराया जिम्मेदार; बारिश से पहले कटान रोकने के लिए बचाव कार्य की मांग।
ब्रह्मचारी घाट पर सौंदर्यीकरण कार्य ठप, नपा अध्यक्ष ने CM से शिकायत की चेतावनी दी (Photo- Newstrack)
Pilibhit News: जनपद में पर्यटन विभाग द्वारा ब्रह्मचारी घाट पर किए जा रहे सौंदर्यीकरण का काम रुकने से नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. आस्था अग्रवाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। सोमवार को घाट का निरीक्षण करने पहुंची डॉ. अग्रवाल ने काम रोके जाने पर प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार को फटकार लगाई और चेतावनी दी कि यदि देवहा नदी में पानी बढ़ने या कटान होने से मंदिर के आसपास कोई नुकसान होता है, तो इसकी सीधी जिम्मेदारी उनकी होगी और वह इसकी शिकायत स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगी।
बारिश से पहले बचाव कार्य न होने पर जताई चिंता
नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. आस्था अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान पाया कि घाट निर्माण कार्य रुका हुआ है। उन्होंने पर्यटन विभाग की टीम में शामिल इस कार्य को देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर लज्जाराम से गहरी नाराजगी व्यक्त की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अगर अगले दो-तीन दिनों में तेज बारिश होती है, तो नदी में पानी का स्तर बढ़ जाएगा और कटान की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक साल बीत जाने के बावजूद ठेकेदार घाट का निर्माण कार्य पूरा क्यों नहीं कर सका, और अब पानी व दलदल का बहाना बनाकर काम क्यों रोका जा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इस अधूरे कार्य की वजह से ऐतिहासिक मनकामेश्वर मंदिर और ब्रह्मचारी घाट क्षेत्र में कटान हुआ या किसी प्रकार का नुकसान हुआ, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार की होगी।
रेत के कट्टे डालकर बचाव कार्य की मांग
डॉ. आस्था अग्रवाल ने निर्देश दिए कि यदि काम रोका भी गया है, तो पानी का स्तर बढ़ने से पहले रेत के कट्टे डालकर बचाव कार्य कराया जाए, ताकि ब्रह्मचारी घाट मंदिर क्षेत्र में कटान की स्थिति उत्पन्न न हो।
इस मौके पर बड़ी संख्या में मंदिर आने वाले श्रद्धालु, पर्यटन विभाग की टीम, सभासद वतनदीप मिश्रा, साकेत सक्सेना सहित अन्य लोग मौजूद रहे। यह मुद्दा अब स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर मानसून के आगमन से पहले, जहां अधूरे निर्माण कार्य से बाढ़ और कटान का खतरा बढ़ गया है।
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