AAP 9 जुलाई से शुरू करेगी स्कूल बचाओ अभियान ! संजय सिंह बोले- बच्चों के भविष्य के साथ नहीं होने देंगे खिलवाड़

July 9 AAP Protest: संजय सिंह ने कहा कि गरीब परिवारों और उनके बच्चों के लिए स्कूल आने का सबसे बड़ा उत्साह, पढ़ाई के साथ-साथ मिड डे मील का मिलना है, जिसे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरी तरीके से खत्म कर दिया।

Virat Sharma
Published on: 3 July 2025 5:39 PM IST
Lucknow News
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Sanjay Singh, Aam Admi Party 

Uttar Pradesh News: योगी सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने को लेकर आप सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश में 27000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के योगी सरकार के फैसले से मासूम बच्चों के साथ शिक्षकों का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है।संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी, शिक्षकों और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी और इसलिए स्कूल और बच्चों का भविष्य बचाने के लिए 9 जुलाई से आम आदमी पार्टी "स्कूल बचाओ अभियान" की शुरुआत करने जा रही है।

सांसद संजय सिंह ने ऐलान किया कि जहां-जहां भी सरकारी स्कूल बंद हो रहा है वहां, आगामी 9 जुलाई से आम आदमी पार्टी के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सभी फ्रंटल के अध्यक्ष और नेता उन गांवों में जाएंगे, वहां प्रवास करेंगे और गांव के लोगों के साथ संवाद करने का काम करेंगे। साथ ही सभाओं के माध्यम से आम आदमी पार्टी, प्रदेश की जनता को जागरूक करके जल्द ही एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।

RTE एक्ट का उल्लंघन

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आरटीई एक्ट के अनुसार 1 किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल होना चाहिए, लेकिन सरकार शिक्षा के अधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए स्कूलों को बंद करके बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि मेरठ में एक स्कूल का दूसरे स्कूल में विलय होने से छोटे-छोटे बच्चों को रेलवे लाइन क्रॉस करके स्कूल जाना पड़ रहा है, जिससे कभी भी उन मासूम की जान खतरे में पड़ सकती है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे में उन मासूमों की जान की जवाबदेही किसकी होगी? बंद हो रहे स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक और कर्मचारी अब कहां जाएंगे इसका भी कोई अता-पता नहीं है।

बंद होने वाले स्कूलों की संख्या

संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में बंद हो रहे हैं सरकारी स्कूलों का आंकड़ा देते हुए बताया कि लखनऊ में 445 स्कूल, एटा में 925 स्कूल, चित्रकूट में 50 स्कूल, सीतापुर में 208 स्कूल, श्रावस्ती में 44, संभल में 150, अमरोहा में 48, सोनभद्र में 84, बांदा में 106, उन्नाव में 336, मैनपुरी में 315, कासगंज में 40, बुलंदशहर में 200, मऊ में 341, सुल्तानपुर में 444, फतेहपुर में 565, प्रयागराज में 400, चंदौली में 96, मुजफ्फरनगर में 76, मेरठ में 100, बलिया में 26 और झांसी में 159 सरकारी स्कूल बंद होने जा रहे हैं।

सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की जगह स्कूलों को बंद करने में लगी है सरकार

संजय सिंह ने कहा कि गरीब परिवारों और उनके बच्चों के लिए स्कूल आने का सबसे बड़ा उत्साह, पढ़ाई के साथ-साथ मिड डे मील का मिलना है, जिसे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरी तरीके से खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है की बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया जा रहा है, चिलचिलाती गर्मी में बिना बिजली के बच्चे अंधेरे में टाट पट्टी पर बैठने को मजबूर है। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार स्कूलों में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की जगह स्कूलों को बंद करने में ही लग गए है।

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