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बांग्लादेश में एक नया मिशन! यूनुस ने पूर्व पीएम के बेटे से की 'सीक्रेट मीटिंग'; पलट गया पूरा चुनाव का खेल

Yunus Tarique Meeting: लंदन में हुई यह बैठक इस बात का संकेत हो सकता है कि 'संवाद और समझौता' ही लोकतंत्र का रास्ता साफ कर सकता है।

Priya Singh Bisen
Published on: 14 Jun 2025 5:06 PM IST
Yunus Tarique meeting
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Yunus Tarique meeting

Yunus Tarique Meeting: बांग्लादेश की सियासत में एक बड़ी गतिविधि सामने आयी है, जिससे देश की राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद जाग गयी है। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के बीच लंदन में हुई अहम बैठक के बाद बड़े संकेत मिले हैं कि लंबे वक़्त से चल रही राजनीतिक खींचतान अब समाप्त हो सकती है।

इस बैठक के बाद संयुक्त बयान में घोषणा की गयी कि बांग्लादेश में आम चुनाव अगले साल (2026) फरवरी महीने के पहले हफ्ते में कराए जाएंगे यदि और सभी तैयारियां पूरी हो गईं तो रमजान से पहले यानी 15 फरवरी से पहले भी चुनाव कराये जाने की सम्भावना बन सकती है।

खालिदा जिया के बेटे से मुलाकात के बाद बड़ा वादा

तारिक रहमान, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं, पिछले 16 सालों से बांग्लादेश से बाहर लंदन में रह रहे हैं। शेख हसीना सरकार के सत्ता में आने के बाद वे विदेश रहने चले गए थे। अब मोहम्मद यूनुस से मिलने के बाद उनकी वतन वापसी की संभावनाएं भी बढ़ गयी हैं।

बैठक के बाद सामने आये बयान में कहा गया, "यह बैठक सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक रही। मुख्य सलाहकार (यूनुस) ने साफतौर पर कहा कि अंतरिम सरकार पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ चुनाव कराना चाहती है।" इसके साथ ही यह भी कहा कि BNP की तरफ से तारिक रहमान ने चुनाव की तारीखों पर पूर्ण रूप से सहमति जताई है और पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया भी इन तारीखों के पक्ष में हैं।

शेख हसीना सरकार गिरने के बाद क्या हुआ ?

बता दें कि फिछले साल 2024 अगस्त महीने में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद हसीना ने भारत में शरण ली और बांग्लादेश की जिम्मेदारी नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार को सौंपी गई।

हालांकि, अंतरिम सरकार पर बहुत जल्द चुनाव कराने का गंभीर रूप से दबाव बनाया जा रहा है। सेना, विपक्ष और आम जनता तीनों वर्गों ने यूनुस पर पारदर्शी चुनावों की मांग की थी। इस बीच यह लंदन बैठक बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह दो बड़े धड़ों, एक यूनुस सरकार और दूसरा BNP के बीच मेलजोल का संकेत देती है।

अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर रोक

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस बार का चुनाव पहले से कुछ अलग हो सकता है क्योंकि शेख हसीना की अवामी लीग पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया गया है। ऐसे में BNP सबसे बड़ी और सशक्त पार्टी बनकर सामने आयी है। यदि BNP और यूनुस सरकार में ठीक से तालमेल बैठता है तो देश में लंबे वक़्त से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता पर विराम लग सकता है।

क्या बदलेगा बांग्लादेश का सियासी भविष्य?

इस बैठक को बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक 'टर्निंग पॉइंट' के रूप में देखा जा रहा है। जहां एक ओर BNP की मजबूती और लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, तो वहीं यूनुस सरकार पर दबाव भी अब और ज्यादा बढ़ गया है ताकि वह निष्पक्ष चुनाव कराकर देश को स्थायी लोकतंत्र की तरफ ले जाए। बता दे, तारिक रहमान की वापसी को लेकर भी पार्टी ने संकेत दिए हैं कि यदि चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है, तो वह जल्द बांग्लादेश वापस लौट सकते हैं और सक्रिय राजनीति में हिस्सा ले सकते हैं।

अब जबकि चुनाव की तारीखों का खुलासा हो गया है, तो बांग्लादेश में एक नई राजनीतिक शुरुआत की आशंका जताई जा रही है। लंदन में हुई यह बैठक इस बात का संकेत हो सकता है कि 'संवाद और समझौता' ही लोकतंत्र का रास्ता साफ कर सकता है। आने वाले कुछ ही हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये वादे हकीकत बनते हैं और क्या बांग्लादेश एक स्थायी और मजबूत लोकतंत्र की ओर बढ़ पाता है या नहीं।

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Priya Singh Bisen

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Content Writer

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