चीन में बड़ी हलचल! 'PM शहबाज' और आर्मी चीफ संग 'पाकिस्तानी नेताओं' का लगा जमावड़ा, क्या है मामला?

चीन में शहबाज शरीफ, आर्मी चीफ मुनीर और शी जिनपिंग की बैठक ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है।

Harsh Srivastava
Published on: 2 Sept 2025 8:08 PM IST
चीन में बड़ी हलचल! PM शहबाज और आर्मी चीफ संग पाकिस्तानी नेताओं का लगा जमावड़ा, क्या है मामला?
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China-Pakistan meeting: जहां दुनिया का ध्यान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन पर था, वहीं पर्दे के पीछे एक और बड़ा खेल चल रहा था। एससीओ समिट खत्म होने के ठीक अगले दिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके साथ आर्मी चीफ असीम मुनीर भी पहुंच गए। एक साथ तीन शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात न केवल असामान्य है, बल्कि यह भारत के लिए भी चिंता का विषय है। इस बैठक का समय और इसमें मुनीर की उपस्थिति कई सवाल खड़े करती है, खासकर जब एससीओ समिट में आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी जीत हुई थी।

सेना प्रमुख की मौजूदगी: प्रोटोकॉल का उल्लंघन या नया खेल?

किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष से दूसरे देश के प्रधानमंत्री की मुलाकात में सेना प्रमुख की उपस्थिति बहुत ही दुर्लभ है। लेकिन शी जिनपिंग और शहबाज शरीफ की मुलाकात में पाकिस्तान के सबसे ताकतवर शख्स, आर्मी चीफ असीम मुनीर की मौजूदगी ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के कई प्रोटोकॉल तोड़ दिए। यह दिखाता है कि चीन पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को कितना महत्व देता है। असीम मुनीर, जिन्हें हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद फील्ड मार्शल का पद दिया गया है, अब चीन की भव्य सैन्य परेड में हिस्सा लेने वाले हैं। इस परेड में चीनी सेना अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करेगी, जिनमें मिसाइल, हवाई और जमीनी प्रणालियां शामिल हैं। यह परेड मुनीर और चीनी सेना के बीच संबंधों को और मजबूत कर सकती है, खासकर जब पाकिस्तान के 80% से अधिक हथियार चीन से ही आते हैं।

अमेरिका के बाद चीन की यात्रा: मुनीर की शक्ति का प्रदर्शन

असीम मुनीर की यह चीन यात्रा सेना प्रमुख के रूप में उनकी दूसरी यात्रा है। इससे पहले, वह जुलाई में चीन गए थे, लेकिन तब वह सिर्फ उपराष्ट्रपति से मिले थे, राष्ट्रपति शी जिनपिंग से नहीं। खास बात यह है कि इससे पहले मुनीर अमेरिका की यात्रा पर भी गए थे, जहां उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंच पर आमंत्रित किया था। मुनीर की लगातार अमेरिका और चीन की यात्राएं दिखाती हैं कि वह पाकिस्तान की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान की विदेश नीति पर वहां की सेना का कितना बड़ा प्रभाव है। मुनीर की उपस्थिति ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व को भी कमजोर दिखाया है।

चीन-पाकिस्तान का नया गठजोड़: CPEC और व्यापार

पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री इशाक डार के अनुसार, बैठक में मुनीर, शरीफ और शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर व्यापक बातचीत की। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शी जिनपिंग के हवाले से कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते के उन्नत संस्करणों के निर्माण के लिए चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। यह बयान चीन की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य रूप से मजबूत करके भारत के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।

भारत के लिए चिंता का विषय

यह पूरा घटनाक्रम भारत के लिए कई चुनौतियां खड़ी करता है। एससीओ समिट में भारत आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त वक्तव्य जारी कराने में सफल रहा था, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र था। यह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत थी। लेकिन, अगले ही दिन चीन का पाकिस्तान के साथ सैन्य और आर्थिक सहयोग बढ़ाना इस जीत के महत्व को कम कर सकता है। चीन का पाकिस्तान को सैन्य रूप से मजबूत करना भारत के लिए सीधे तौर पर एक सुरक्षा खतरा है। यह घटना दिखाती है कि भले ही भारत दुनिया के बड़े मंचों पर अपनी धाक जमा रहा हो, लेकिन चीन और पाकिस्तान की करीबी भी लगातार बढ़ रही है, जिससे भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।

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Harsh Srivastava

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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