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SCO समिट में एकजुट हुए ग्लोबल पावर्स, एक तस्वीर ने दुनियाभर में मचाई खलबली, पाकिस्तान भी हुआ शामिल
SCO Summit 2025: मोदी, शी जिनपिंग, पुतिन और पाकिस्तान एक साथ, वायरल तस्वीर ने खींचा ध्यान।
SCO Summit 2025: चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य नेता एक ही मंच पर, एक ही फोटो फ्रेम में खड़े नजर आए। तियानजिन में आधिकारिक स्वागत समारोह के दौरान खींची गई यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, और राजनीतिक विश्लेषक इसके गहरे मायने तलाश रहे हैं।
तस्वीर के पीछे का 'गुप्त संदेश'
यह एक तस्वीर शक्तिशाली देशों के लिए एक मजबूत संदेश देने का काम कर रही है। SCO, जो एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, अब दुनिया के सबसे शक्तिशाली गुटों में से एक बन गया है। इसकी स्थापना 2001 में हुई थी, और 2017 में भारत और पाकिस्तान के पूर्ण सदस्य बनने के बाद इसका प्रभाव और भी बढ़ गया। इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ सहयोग, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। जब भारत, चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे देश एक साथ आते हैं, तो यह अमेरिका जैसे देशों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि दुनिया अब बहुध्रुवीय हो रही है।
मोदी-जिनपिंग की खास मुलाकात
इस शिखर सम्मेलन के दौरान सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात थी। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद का समाधान निकालने पर जोर दिया और यह भी सहमति जताई कि दोनों देश प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास में साझेदार हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों पक्षों के बीच मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों को अमेरिका की टैरिफ संबंधी नीति के कारण आर्थिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है। दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में अपनी अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को भी स्वीकार किया, जो अमेरिका के व्यापारिक फैसलों के खिलाफ एक तरह का संदेश है। इस मुलाकात ने भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने की उम्मीद जगाई है, जो हाल के वर्षों में LAC पर तनाव के कारण बिगड़ गए थे।
SCO: एक बढ़ता हुआ पावर सेंटर
SCO का मुख्यालय बीजिंग में है और इसकी आधिकारिक भाषाएं रूसी और चीनी हैं। यह संगठन सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग, संयुक्त अभ्यास और खुफिया जानकारी साझा करने पर जोर देता है। इस संगठन में भारत के शामिल होने से इसकी वैश्विक पहुंच और भी बढ़ गई है। यह दिखाता है कि भारत अब केवल पश्चिमी देशों के साथ ही नहीं, बल्कि यूरेशिया के महत्वपूर्ण देशों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। SCO शिखर सम्मेलन की यह तस्वीर केवल एक औपचारिक फोटो नहीं है, बल्कि यह बदलती हुई वैश्विक शक्ति संरचना का एक मजबूत प्रतीक है।
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