3 सितंबर को होगा दुनिया का सबसे बड़ा समझौता? ट्रंप-पुतिन की गुप्त डील से रुकेगा यूक्रेन युद्ध? चीन बना सुपर-पावर गेम का ‘किंगमेकर’

Trump-Putin Secret Deal in Beijing: क्या ट्रंप और पुतिन की बीजिंग में होने वाली संभावित मुलाकात यूक्रेन युद्ध को रोक सकती है? चीन बना है इस कूटनीतिक शतरंज का किंगमेकर।

Harsh Srivastava
Published on: 21 July 2025 6:32 PM IST
3 सितंबर को होगा दुनिया का सबसे बड़ा समझौता? ट्रंप-पुतिन की गुप्त डील से रुकेगा यूक्रेन युद्ध? चीन बना सुपर-पावर गेम का ‘किंगमेकर’
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Trump-Putin Secret Deal in Beijing: दुनिया की सबसे ताक़तवर मेज़ पर अब तीन कुर्सियां रख दी गई हैं,वॉशिंगटन, मॉस्को और बीजिंग की। तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच अचानक ऐसी खबर सामने आई है जिसने वैश्विक राजनीति को झकझोर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन की राजधानी बीजिंग में सितंबर में आमने-सामने हो सकते हैं। और ये कोई साधारण मुलाकात नहीं होगी , इसके केंद्र में होगा यूक्रेन युद्ध, शक्ति संतुलन और विश्व राजनीति का सबसे बड़ा पुनर्निर्माण।

जब दो दुश्मन एक टेबल पर हों…

सालों से एक-दूसरे को 'संकट' मानने वाले ट्रंप और पुतिन अब एक ही छत के नीचे खड़े हो सकते हैं , और वो भी चीन के मंच पर। क्रेमलिन ने इस ‘संभावित मुलाकात’ की पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन इनकार भी नहीं किया है। और जहां राजनीति में इनकार नहीं होता, वहां साज़िशें जन्म लेती हैं। 3 सितंबर को बीजिंग में होने वाला द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति का 80वां समारोह अब अचानक दुनिया की सबसे रहस्यमयी मुलाकात का केंद्र बन गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस कार्यक्रम में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। और अब पूरी दुनिया इस बात की थाह लगाने में जुटी है कि क्या ट्रंप भी इस ‘जंग और जुगलबंदी’ के मंच पर उतरेंगे?

ट्रंप के 'डेडलाइन धमाके' के बाद क्या होगी सुलह?

सूत्रों के मुताबिक ट्रंप और पुतिन के बीच एक ‘अल्टीमेटम डील’ चल रही है , जिसमें ट्रंप ने पुतिन को 1 सितंबर तक यूक्रेन युद्ध रोकने का समय दिया है। इसके बाद वो खुद पहल कर सकते हैं एक ऐसा समझौता करवाने की, जिससे अमेरिका का भी कूटनीतिक स्कोर बढ़े और दुनिया को थोड़ी राहत मिले। कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप इस मौके को गंवाना नहीं चाहेंगे , एक ऐसा मौका जहां वो अमेरिका और रूस के बीच ‘बड़े सौदे’ की मध्यस्थता कर सकते हैं। ट्रंप के लिए यह मौका 2024 की हार के बाद अपनी ताकत को दोबारा स्थापित करने का हो सकता है।

क्या चीन बन रहा है ‘किंगमेकर’?

इस पूरी संभावित मुलाकात का असली ‘खिलाड़ी’ अगर कोई है, तो वो है चीन। जी हां, बीजिंग इस पूरे समारोह को सिर्फ एक स्मृति कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय शक्ति मंच के तौर पर उपयोग कर रहा है। चीन चाहता है कि अगर ट्रंप और पुतिन की मुलाकात उसकी धरती पर होती है , और अगर वहां से कोई शांति प्रस्ताव या डील निकलती है , तो इससे चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि में ऐतिहासिक उछाल आएगा। अमेरिका और रूस के बीच की मध्यस्थता में चीन अगर सफल रहा, तो यह उसकी कूटनीति की सबसे बड़ी जीत होगी।

तीन ध्रुवीय सत्ता की वापसी?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ये मुलाकात सिर्फ यूक्रेन युद्ध तक सीमित नहीं होगी। इस बातचीत में ताइवान, नाटो, तेल, डॉलर बनाम युआन जैसी गूढ़ अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और सामरिक विषयों पर भी बात हो सकती है। चीन चाहता है कि दुनिया अब सिर्फ वॉशिंगटन और मास्को की न देखे , बीजिंग को अब निर्णायक शक्ति के रूप में स्वीकार करे। ऐसे में पुतिन और ट्रंप के हाथ मिलाने का हर फ्रेम, हर तस्वीर और हर शब्द वैश्विक शक्ति संतुलन को झकझोर देगा। और इससे सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की दिशा बदल सकती है।

क्या यह तीसरे विश्व युद्ध को टालने की आखिरी कोशिश है?

यूक्रेन में जल रही आग, इज़राइल-ईरान टकराव, ताइवान पर मंडराता खतरा , दुनिया फिलहाल ऐसी स्थिति में है, जहां एक चिंगारी भी महाविनाश ला सकती है। ऐसे में ट्रंप और पुतिन की संभावित मुलाकात को कई लोग ‘शांति की आखिरी खिड़की’ मान रहे हैं। लेकिन सवाल यह भी है , क्या ट्रंप वाकई शांति चाहते हैं या फिर वह 2028 की राजनीति के लिए इस वैश्विक मंच का इस्तेमाल करेंगे? क्या पुतिन यूक्रेन से पीछे हटने के लिए तैयार हैं? और सबसे बड़ा सवाल , क्या चीन इस ‘नाटकीय मुलाकात’ को अपने हित में मोड़ पाएगा?

अगले कदम पर टिकी है दुनिया की सांसें…

3 सितंबर का दिन अब सिर्फ इतिहास की याद नहीं, भविष्य की दिशा तय करेगा। अगर ट्रंप और पुतिन बीजिंग में मिले, तो यह शतरंज की सबसे बड़ी चाल हो सकती है , और अगर नहीं मिले, तो दुनिया एक बड़ी साज़िश से भी रूबरू हो सकती है। बीजिंग अब सिर्फ एक राजधानी नहीं, एक तख़्त बन गया है , जहां से नई दुनिया की तक़दीर लिखी जा सकती है। अब निगाहें टिकी हैं ट्रंप की उड़ान पर, पुतिन की मुस्कान पर और चीन की चाल पर।

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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