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चीन हो रहा है युद्ध के लिए तैयार? अमेरिका,रूस और भारत के लिए खतरे की घंटी! China ने बनाया ऐसा हथियार पलक झपकते ही सब हो जाएगा खत्म

China JY-27V Radar: यह कोई आम रडार नहीं, यह रणनीति की एक नई परिभाषा है। चीन ने इसे सिर्फ तकनीकी प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश देने के लिए पेश किया है—कि वो न सिर्फ दुश्मन की आंख से बच सकता है

Harsh Srivastava
Published on: 22 May 2025 9:55 AM
China JY-27V Radar
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China JY-27V Radar

China JY-27V Radar: जब युद्ध के मैदान बदलते हैं, तो हथियारों की सोच भी बदल जाती है। एक दौर था जब सेना की ताकत टैंकों और मिसाइलों में गिनी जाती थी, लेकिन अब वो दौर है जब आँखें सबसे पहले बनाई जाती हैं ऐसी आंखें जो छुपे हुए दुश्मन को भी ढूंढ निकालें, और ऐसी आंखें जो चलती-फिरती हों, तैनाती की सीमाएं न मानें। चीन ने ठीक ऐसा ही किया है। अब रडार सिस्टम पहाड़ों में गड़े हुए नहीं रहेंगे, अब वे ट्रकों पर लदकर सरहदों के पार तक दौड़ेंगे। चीन के नए JY-27V मोबाइल रडार सिस्टम ने इसी सोच को ज़मीन पर उतारा है और यह दुनिया भर के सैन्य रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने के लिए काफी है। यह कोई आम रडार नहीं, यह रणनीति की एक नई परिभाषा है। चीन ने इसे सिर्फ तकनीकी प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश देने के लिए पेश किया है—कि वो न सिर्फ दुश्मन की आंख से बच सकता है, बल्कि उसकी हर हरकत को दूर से देख सकता है, चाहे वो हरकत स्टील्थ तकनीक से ढकी हो या गहरे समुद्र के पार छिपी हो।

हेफेई में हुआ तकनीकी धमाका

20 मई को चीन के अनहुई प्रांत के हेफेई शहर में आयोजित 'वर्ल्ड रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग एक्सपो' में जब JY-27V रडार का पर्दा हटा, तो यह केवल एक सैन्य प्रदर्शनी नहीं रह गई। यह एक ऐसा एलान था जो दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर और ताइवान स्ट्रेट तक सुनाई दिया। चीन की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी CETC—China Electronics Technology Group Corporation द्वारा निर्मित यह रडार अपने आप में अनोखा है, क्योंकि यह ट्रक पर सवार है। इसका मतलब यह है कि इसे किसी भी दुर्गम इलाके में बिना स्थायी ढांचे के, तुरन्त ले जाकर तैनात किया जा सकता है। यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है तुरंत मूवमेंट, तत्काल तैनाती और असाधारण स्कैनिंग क्षमता। इस रडार को खासतौर पर ऐसे समय में पेश किया गया है जब चीन अपने सैन्य विस्तार को लेकर पहले से ही विवादों में है। दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाकर चीन पहले ही अपने एडवांस हथियारों की तैनाती कर चुका है, लेकिन अब उसकी रणनीति "फिक्स्ड डिफेंस" से "मोबाइल डिफेंस" की ओर मुड़ रही है। यह रडार उसी नीति का हिस्सा लगता है।

अदृश्य जेट, अब अदृश्य नहीं?

JY-27V को चीन का अब तक का सबसे उन्नत रडार सिस्टम माना जा रहा है, और इसकी सबसे बड़ी विशेषता है इसका "स्टील्थ फाइटर जेट्स" को ट्रैक करने की क्षमता। स्टील्थ तकनीक यानी वह विज्ञान जो लड़ाकू विमानों को रडार से ओझल रखता है। अमेरिका जैसे देश सालों से स्टील्थ फाइटर जेट्स के बल पर अपनी हवाई बढ़त बनाए हुए हैं, लेकिन JY-27V के आने से यह बढ़त खतरे में पड़ती दिख रही है। यह रडार हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करता है, जो पारंपरिक रडार सिस्टम्स से अलग हैं और स्टील्थ विमानों की परतों को भेद सकती हैं। इस तकनीक के चलते चीन यह दावा कर रहा है कि उसका रडार अब F-35 जैसे आधुनिक अमेरिकी लड़ाकू विमानों को भी पकड़ सकता है, जो अब तक दुनिया के सबसे 'अदृश्य' हथियार माने जाते थे।

मिनटों में तैयार, युद्ध के लिए तत्पर

तकनीकी दृष्टि से देखें तो JY-27V एक AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार है, जो मिनटों में तैनात होकर काम करना शुरू कर सकता है। इसका विशाल एंटीना ट्रक से निकलकर कुछ ही पलों में खुल जाता है और पूरे क्षेत्र की स्कैनिंग शुरू कर देता है। पारंपरिक रडार सिस्टम्स की तुलना में, जो स्थायी संरचनाओं में फिक्स रहते हैं और भारी-भरकम होते हैं, यह सिस्टम कहीं अधिक चुस्त और लचीला है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, यह रडार युद्ध क्षेत्र में तात्कालिक निर्णय लेने और हमले के लिए 'रियल टाइम' डेटा देने में सक्षम है। यह न केवल ट्रैक करता है बल्कि दुश्मन के मूवमेंट पैटर्न को भी एनालाइज करता है, जिससे फायर-कंट्रोल सिस्टम को तेजी और सटीकता के साथ कमांड मिलती है।

रणनीति से ज्यादा, एक मनोवैज्ञानिक हथियार

JY-27V सिर्फ एक सैन्य उपकरण नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक रणनीति भी है। जब एक देश यह दिखाता है कि उसके पास ऐसा सिस्टम है जो कहीं भी, कभी भी तैनात हो सकता है और छुपे हुए दुश्मन को भी पकड़ सकता है, तो यह सामने वाले देशों के लिए एक चेतावनी बन जाता है। ताइवान और अमेरिका के लिए यह एक अलार्म बेल है कि चीन अब सिर्फ समुद्र और आकाश में ही नहीं, जमीन पर भी अपनी हरकतें बेहद फुर्ती से कर सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस रडार को ताइवान स्ट्रेट और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में तैनात करने की योजना बना रहा है। इससे अमेरिका के लिए वहां अपनी स्टील्थ फोर्स को बिना ट्रैक हुए रखना अब आसान नहीं रहेगा।

क्या पाकिस्तान बन सकता है अगला ठिकाना?

रडार सिस्टम की इस मोबाइल क्रांति के पीछे चीन की एक और मंशा नजर आती है—इसे अपने सहयोगी देशों को सौंपना। रिपोर्टों के अनुसार, चीन भविष्य में JY-27V रडार सिस्टम को पाकिस्तान को भी दे सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के चीनी रडार सिस्टम्स को बड़ी आसानी से तबाह कर दिया था। इससे पाकिस्तान की वायु सुरक्षा पूरी तरह चरमरा गई थी। अब चीन उसे एक बेहतर और एडवांस सिस्टम देकर न सिर्फ अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है, बल्कि भारत के लिए एक नया सिरदर्द भी खड़ा कर सकता है।

युद्ध के नियम बदलने को तैयार?

JY-27V का आना केवल एक तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि युद्ध की परिभाषा में बदलाव का संकेत है। अब युद्ध केवल मिसाइलों और टैंकों का खेल नहीं रह गया है। अब यह 'कौन पहले देखता है', 'कौन पहले समझता है', और 'कौन पहले प्रतिक्रिया करता है' का खेल बन चुका है। और इसमें मोबाइल रडार सिस्टम गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। चीन ने जिस अंदाज में JY-27V को पेश किया है, वह बताता है कि उसकी रणनीति केवल सीमा की रक्षा नहीं, बल्कि सैन्य मोर्चों पर सक्रिय दखल की ओर बढ़ रही है। अब सवाल यह है कि क्या भारत, अमेरिका और अन्य देश भी इस ‘चलती-फिरती चौकसी’ के जवाब में अपनी रणनीति बदलने को तैयार हैं?

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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