खतरा और भी बड़ा है...पाकिस्तान के आसमान में मंडराया चीनी ड्रैगन! भारत के अपाचे के मुकाबले उतारा Z-10ME हेलीकॉप्टर

China z10me helicopter deployed by Pakistan: पाकिस्तान ने वो कदम उठा लिया है, जो भारत के लिए एक नए सुरक्षा संकट की घंटी बजा सकता है। पाकिस्तान की सेना ने चुपचाप चीन से मिले घातक Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टरों को अपनी वायुशक्ति में शामिल कर लिया है।

Harsh Srivastava
Published on: 6 July 2025 9:46 PM IST
खतरा और भी बड़ा है...पाकिस्तान के आसमान में मंडराया चीनी ड्रैगन! भारत के अपाचे के मुकाबले उतारा Z-10ME हेलीकॉप्टर
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China z10me helicopter deployed by Pakistan: एक ऐसा युद्ध जो अभी छेड़ा नहीं गया, लेकिन तैयारी पूरी हो चुकी है। पाकिस्तान ने वो कदम उठा लिया है, जो भारत के लिए एक नए सुरक्षा संकट की घंटी बजा सकता है। पाकिस्तान की सेना ने चुपचाप चीन से मिले घातक Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टरों को अपनी वायुशक्ति में शामिल कर लिया है। ये वही हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हें चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया है – और इसका सीधा मुकाबला भारत के अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर से माना जा रहा है। इस खबर ने ना सिर्फ भारत की सैन्य खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ भी इस विकास को भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव का संकेत मान रहे हैं। सवाल ये नहीं कि पाकिस्तान ने हेलीकॉप्टर खरीदे हैं – सवाल ये है कि क्या अब आसमान में जंग की तैयारी हो रही है?

चीनी हथियारों के सहारे युद्ध का सपना देखता पाकिस्तान

पाकिस्तान लंबे समय से अमेरिका या तुर्की से अटैक हेलीकॉप्टर खरीदना चाहता था। तुर्की के T129 ATAK हेलीकॉप्टर का सौदा भी लगभग तय हो गया था, लेकिन अमेरिकी इंजन सप्लाई पर पाबंदी ने वो डील तोड़ दी। ऐसे में पाकिस्तान की ‘चीन कार्ड’ खेलने की आदत एक बार फिर सामने आई – और चीन ने मौके को भुनाते हुए Z-10ME पाकिस्तान को सौंप दिया। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी तक पाकिस्तान या चीन की ओर से नहीं हुई है, लेकिन पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें बता रही हैं कि Z-10ME अब पाकिस्तान की सेवा में है। इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती भारत के लिए महज एक तकनीकी चुनौती नहीं है – यह रणनीतिक चेतावनी है।

Z-10ME बनाम अपाचे: किसका पलड़ा भारी?

चीन का Z-10ME हेलीकॉप्टर एक आधुनिक अटैक मशीन है जिसमें इंजन को अपग्रेड किया गया है, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और आत्मरक्षा सिस्टम भी बेहतर बनाए गए हैं। इसे खराब मौसम में भी उड़ने और ऑपरेशन करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी टॉप स्पीड लगभग 300 किमी/घंटा है और यह 1,100 किलोग्राम तक हथियार ले जा सकता है। लेकिन भारत के पास है अमेरिकी अपाचे AH-64E – जो केवल हेलीकॉप्टर नहीं, बल्कि उड़ता हुआ युद्धक दुर्ग है। यह हेलीकॉप्टर एक साथ दर्जनों टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है और पलक झपकते ही मिसाइल दाग सकता है। इसकी AGM-114 हेलफायर मिसाइल टैंक और बंकरों को चीर कर रख देती है, वहीं हाइड्रा रॉकेट और स्ट्रिंगर मिसाइल इसे बहुस्तरीय खतरों के खिलाफ अजेय बनाती हैं। रात में ऑपरेशन, खराब मौसम में फायरिंग और एयर-टू-एयर कॉम्बैट – अपाचे इन तीनों में Z-10ME से आगे निकल जाता है। यही वजह है कि पाकिस्तान का Z-10ME, भारत के लिए सीधी चुनौती नहीं बन पा रहा। लेकिन खतरा यहीं खत्म नहीं होता।

क्यों खतरनाक है ये तैनाती?

Z-10ME भले ही अपाचे से पीछे हो, लेकिन इसका तैनात होना भारत के पूर्वी और पश्चिमी सीमा क्षेत्रों के लिए टैक्टिकल चिंता बन चुका है। पाकिस्तान इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल पंजाब और सिंध के सीमावर्ती इलाकों में कर सकता है, जहां भारत की थलसेना की बटालियनें लगातार सतर्क रहती हैं। इसके अलावा, यह भी आशंका है कि पाकिस्तान इन हेलीकॉप्टरों को अपने कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में तैनात कर भारत को मनोवैज्ञानिक दबाव में लाने की कोशिश करे। इससे LOC पर तनाव और बढ़ सकता है। Z-10ME का रडार सिस्टम, नाइट ऑपरेशन और डिजिटल टारगेटिंग – यह सब पाकिस्तान को ऐसी ताकत देगा जिससे वह सीमावर्ती इलाकों में त्वरित कार्रवाई कर सके। यही भारत की सुरक्षा रणनीति के लिए गंभीर चिंता बन चुकी है।

क्या भारत तैयार है?

भारत न केवल तैयार है, बल्कि आगे भी है। भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 22 अपाचे AH-64E मौजूद हैं, और 6 और हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2025 तक पूरी हो जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टरों को भारतीय थलसेना के लिए तैनात किया जा रहा है ताकि ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान ये हेलीकॉप्टर टैंक और दुश्मन ठिकानों को तत्काल नष्ट कर सकें। इसके अलावा भारत की स्वदेशी रक्षा परियोजनाएं जैसे LCH (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर) भी ऑपरेशन मोड में आ रही हैं, जिससे भविष्य में भारत को विदेशी हेलीकॉप्टरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

चीन की साजिश, पाकिस्तान की हसरत – भारत के खिलाफ नया गठजोड़?

Z-10ME की तैनाती को केवल हथियारों की डील नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्तान के सैन्य गठजोड़ की नई परत माना जा रहा है। चीन लगातार पाकिस्तान की सेना को आधुनिक हथियारों से लैस कर रहा है – चाहे वो HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम हो, FC-1 लड़ाकू विमान हो या अब ये Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टर। ये साफ है कि पाकिस्तान की मंशा भारत के साथ युद्ध की स्थिति में खुद को कमजोर साबित न होने देने की है। लेकिन क्या चीन से खरीदे गए ये हथियार जंग में पाकिस्तान को बचा पाएंगे? ऑपरेशन बालाकोट, सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में भारत ने बार-बार दिखा दिया है कि तकनीक से कहीं ज्यादा ज़रूरी है इरादा और पराक्रम।

आसमान में तैनात ड्रैगन, लेकिन गरुड़ अभी भी मजबूत है

पाकिस्तान ने चीन से Z-10ME हेलीकॉप्टर खरीद कर जरूर अपनी सैन्य शक्ति में इज़ाफा किया है, लेकिन यह भारत के अपाचे के सामने अब भी एक कमज़ोर विकल्प है। फिर भी यह तैनाती भारत के लिए एक संकेत है – दुश्मन अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। अब सवाल भारत के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए है – क्या चीन के हथियार भरोसे के लायक हैं? या फिर यह एक और 'चीनी धोखा' है जो युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा?

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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