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ट्रंप का U-Turn! पुतिन से मीटिंग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, भारत को मिली राहत
Donald Trump Putin meeting: अलास्का में पुतिन से मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी ऑयल इंपोर्ट करने वाले देशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने पर चौंका देने वाला बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विदेशी मीडिया से बातचीत में दावा किया है।
Donald Trump Putin meeting
Donald Trump Putin meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते शुक्रवार को व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में अहम मीटिंग की। भले ही इस मीटिंग में सीजफायर पर कोई सहमति ना बन सकी हो, लेकिन दोनों देश के बीच हुई बातचीत में कुछ मुद्दों पर काफी सकारात्मकता दिखाई दिदी। मीटिंग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर नए टैरिफ लगाने पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि 2 से 3 सप्ताह के अंदर इस मुद्दे पर दोबारा विचार किया जा सकता है।
इस बयान के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि रूसी तेल इंपोर्ट करने वाले देशों पर आने वाले दिनों में कोई नया टैरिफ नहीं लगेगा। विशेषकर भारत के लिए ये बेहद राहत वाली खबर है। जो अपने कुल क्रूड ऑयल इंपोर्ट का 38 फीसदी रूस से खरीद रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी ऑयल इंपोर्ट पर अपना कैसा बयान दिया है।
नए टैरिफ पर विचार की अब कोई आवश्यकता नहीं...
जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि टैरिफ की धमकियों के कारण से ही मास्को पर बातचीत करने का भारी दबाव बना। नए टैरिफ को लेकर उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ, उस वजह से मुझे लगता है कि इसके बारे में विचार करने की आवश्यकता नहीं है। अब, मुझे इसके बारे में दो या तीन सप्ताह या कुछ दिन बाद विचार पड़ सकता है।
बता दे, ये बयान उन देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो इस समय में रूस से क्रूड ऑयल इंपोर्ट कर रहे हैं। विशेषकर भारत और चीन के लिए। अमेरिका भारत पर पहले ही रूसी क्रूड ऑयल इंपोर्ट करने पर 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगा चुका है।
ट्रंप ने किया दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बड़ा दावा है कि भारत पर भारी टैरिफ लगाने के बाद ही रूस इस बैठक के लिए तैयार हुआ। ट्रंप ने कहा कि जब मैंने भारत से कहा कि हम आपसे शुल्क लेंगे, क्योंकि आप रूसी तेल खरीद रहे हैं। जिसके कारण भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद किया। उसके बाद रूस ने कॉल कर मिलने की बात कही।
ट्रंप ने बताया कि रूस, भारत को अपना दुसरा सबसे बड़ा ग्राहक मानता था जो कि अब नहीं रहा, इसलिए उसे फिर से इस बैठक के लिए आना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था, और चीन के बेहद करीब पहुंच रहा था। फिलाह इस वक़्त चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है।
भारत की ऑयल पॉलिसी में कोई परिवर्तन नही
वहीं दूसरी तरफ भारत ने अपनी एनर्जी पॉलिसी में परिवर्तन से साफ तौर पर मना कर दिया है। बीते गुरुवार को, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष AS साहनी ने कहा कि रूसी तेल इंपोर्ट पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगी है, इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक आधार पर खरीदारी चलती रहेगी। विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के टैरिफ को अनुचित करार दिया। ट्रंप ने पिछले सप्ताह में भारत से अमेरिकी इंपोर्ट पर शुल्क में 25 फीसदी की वृद्धि का ऐलान किया था जिसके बाद कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया। ये टैरिफ रूस तेल खरीदने पर सजा के तौर पर लगाया गया है। 27 अगस्त से लागू ये अतिरिक्त टैरिफ भारत के लगभग 40 अरब डॉलर के निर्यात के लिए बड़े संकट के रूप में देखा जा रहा है।
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