अलास्का में पुतिन-ट्रंप की मुलाकात पर दुनिया की नजर... क्या तैयार है अमेरिकी राष्ट्रपति का ‘प्लान B’? विश्व में हलचल!

Trump-Putin Alaska Meeting: दोनों राष्ट्रपति की ऐतिहासिक मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होने जा रही है। विश्व के नेता, कूटनीतिक विश्लेषक और मीडिया इस ऐतिहासिक बैठक का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

Priya Singh Bisen
Published on: 14 Aug 2025 12:18 PM IST
Trump-Putin Alaska Meeting
X

Trump-Putin Alaska Meeting

Trump-Putin Alaska Meeting: पिछले दिनों खबर आयी थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुप्रतीक्षित मुलाकात होने वाली जिसपर पूरी दुनिया की नज़र टिकी हुई है, वहीं, यूरोप जैसे देश चिंतित हो उठे हैं। दोनों राष्ट्रपति की ऐतिहासिक मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होने जा रही है। यह बैठक न सिर्फ अमेरिका और रूस के रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि रूस-यूक्रेन युद्ध विराम की दिशा में भी परिवर्तन की संभावना बन सकती है। पूरे विश्व के नेता, कूटनीतिक विश्लेषक और मीडिया इस ऐतिहासिक बैठक का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

क्या है मीटिंग का मुख्य एजेंडा ?

अलास्का में होने जा रही ट्रंप और पुतिन की मुलाकात को लेकर विश्व भर के नेताओं के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर जल्द से जल्द विराम लगना ही मुख्य उद्देश्य है। वहीं, पुतिन अपने तय शर्तों के आधार पर ही किसी भी समझौते के लिए तैयार हैं। यही सबसे बड़ा कारण है कि इस मुलाकात के नतीजों को लेकर अभी से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

ट्रंप ने एक बयान में कहा कि यदि पुतिन के साथ यह बैठक सफल रही, तो वो तत्काल इसके बाद एक दूसरी अहम बैठक भी करेंगे, जिसमें पुतिन और उनके साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी शामिल होंगे। इसीलिए यह कदम युद्धविराम की दिशा में एक बड़ा प्रयास हो सकता है।

पुतिन ने यूक्रेन के साथ एक ही टेबल पर बैठने से किया साफ़ मना

हालांकि, पुतिन की जेलेंस्की के साथ आमने-सामने बैठक को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है। अबतक ऐसा देखा गया है कि रूसी राष्ट्रपति कई मौकों पर एक ही मंच और टेबल पर बैठकर यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत करने से मना करते आए हैं। यही कारण है कि ट्रंप की यह योजना किस प्रकार सफल होगी, इस पर संदेह बना हुआ है।

ट्रंप की कड़ी चेतावनी

इससे पहले भी ट्रंप ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि यदि रूस शांति वार्ता में किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा करता है तो उसे संभवतः गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अलास्का में होने वाली बैठक में यदि कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता, तो मॉस्को के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिनमें आर्थिक रूप से प्रतिबंध भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, ट्रंप ने यह साफ़ नहीं किया कि प्रतिबंध किस प्रकार के होंगे या कब लागू किये जायेंगे।

ट्रंप ने कहा, “यदि इस संघर्ष को रोककर हम हजारों लोगों की जान बचा सकते हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा।”

जर्मनी की वर्चुअल बैठक के बाद तनाव बढ़ा

ट्रंप का यह सख्त रुख जर्मनी में आयोजित किये गए एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक के बाद सामने आया है। बता दे, इस बैठक में ट्रंप, जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं ने भाग लिया था। बैठक में युद्धविराम को लेकर अब भी गंभीर और उलझे हुए मुद्दों पर चर्चा हुई। ट्रंप ने इस बैठक को 10 में से 10 अंक देते हुए इसे बहुत मैत्रीपूर्ण बताया।

जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने भी स्पष्ट कहा कि यदि अलास्का की बैठक में रूस निर्णायक फैसला नहीं लेता, तो अमेरिका और यूरोपीय देश मॉस्को पर दबाव बनाएंगे। इस बयान पर ट्रंप ने भी पूर्ण सहमति जताई।

अब विश्वभर की निगाहें अलास्का पर...

अलास्का में होने वाली यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रूप में देखी जा रही है। अमेरिका और रूस के बीच पिछले कई सालों से संबंध बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं और यूक्रेन युद्ध ने इन रिश्तों में और कड़वाहट पैदा कर दी है। लेकिन यदि यह मुलाकात सकारात्मक दिशा में रही, तो यह न सिर्फ यूक्रेन में हिंसा कम कर सकती है, बल्कि वैश्विक स्थिरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

वहीं, यदि यह बैठक असफल रहती है, तो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा रूस पर नए आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना भी बन सकती है, जिससे पहले से ही तनावग्रस्त वैश्विक हालात और बिगड़ सकते हैं।

बता दे, अलास्का में होने जा रही देश के दो सबसे शक्तिशाली नेताओं के बीच मुलाकात पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस दौरान पता चलेगा कि ट्रंप का प्लान B कितना कारगर साबित होगा और क्या पुतिन यूक्रेन के साथ एक ही टेबल पर बैठने के लिए तैयार होंगे, इस पर भी ही आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल, पूरी दुनिया इस मुलाकात के परिणाम का इंतजार कर रही है, क्योंकि इसका प्रभाव केवल तीन देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर भी पड़ने वाला है।

1 / 8
Your Score0/ 8
Priya Singh Bisen

Priya Singh Bisen

Content Writer

Content Writer

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!