×

क्या भारत, चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने में सक्षम है

India Boycotting Chinese Goods: आज चीन से भारत में आयात में बिलियन डालर से भी अधिक की वृद्धि 100 हो चुकी है।

Yogesh Mohan
Published on: 7 July 2025 3:51 PM IST
India Boycotting Chinese Goods
X

India Boycotting Chinese Goods (Image Credit-Social Media)

India Boycotting Chinese Goods: भारत देश प्राचीन काल से ही भारतीय ज्ञान व परम्परा का अनुयायी रहा है। इसी भावना को भारतीय शिक्षाविद्, दार्शनिक, व वैज्ञानिकों ने समय-समय पर पल्लवित व पुष्पित किया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से हमारे राजनेता एवं सामाजिक संगठन, चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का निरन्तर आडम्बर करते रहे हैं, जोकि जनता को गुमराह कर, मात्र राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए होता है। आज चीन से भारत में आयात में बिलियन डालर से भी अधिक की वृद्धि 100 हो चुकी है। उस आयात का अधिकांश भाग हमारे मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रोनिक्स एवं रक्षा उत्पादन उद्योग से सम्बन्धित है।

चीन, रेयर अर्थ मैग्नेट की कुल आपूर्ति के 92 प्रतिशत भाग को नियंत्रित करता है। उसके पास 440 लाख टन रेयर अर्थ मैग्नेट के भंडारण हैं। उसके पश्चात 222 टन का भंडारण वियतनाम के पास है, परन्तु वियतनाम उसके शोधन हेतु चीन के पास भेजता है। कहने का अर्थ यह है कि सम्पूर्ण विश्व, रेयर अर्थ मैग्नेट की पूर्ति हेतु चीन पर निर्भर करता है।


रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग, फाइटर जेट, आटोमोबाइल उद्योग, आयुध उद्योग, पनडुब्बी, नाभिकीय रीयेक्टर, एमआरआई मशीन, रडार, एलइडी स्क्रीन, पैट्रोलियम, रिफाइनरी, कैंसर स्केनिंग, अलॉयव्हील उत्पादन, सुपर कन्डक्टर, कैमरा आदि के उत्पादन में प्रयोग होता है।

ट्रम्प ने चीन को अपने प्रभाव में लेने का प्रयास किया तो, चीन ने त्वरित गति से रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति पर विराम लगा दिया और ट्रम्प किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये और चीन से उसकी आपूर्ति हेतु प्रार्थना करने लगे। जिनपिंग ने अमेरिका को पुनः आपूर्ति हेतु अपनी शर्ते निर्धारित कर दी। जिसके अन्तर्गत 145 प्रतिशत का कर उसपर लगा दिया तथा अनुबंध के अन्तर्गत यह भी निर्धारित किया गया कि अमेरिका, चीन से प्राप्त किए गए रेयर अर्थ मैग्नेट को किसी दूसरे देश को हस्तान्तरित नहीं करेगा क्योंकि सम्पूर्ण विश्व इसकी आपूर्ति हेतु चीन पर ही निर्भर है।


भारत भी अपने उद्योगों की आपूर्ति हेतु चीन पर निर्भर करता है। कुछ समय पूर्व ही अडानी जी, अपने उद्योगों के निर्विघ्न उत्पादन हेतु चीन गए और वहाँ से इस अमूल्य खनिज को प्राप्त करने का अथक प्रयास किया। चीन ने उनका आतिथ्य सत्कार अत्यधिक प्रभावी ढंग से किया, परन्तु इस कार्य में उनको किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की और उन्हें निराशा के साथ वापिस लौटना पड़ा।

आज भारत के कुछ उद्योगो के पास इस खनिज की उपलब्धता मात्र जुलाई माह के मध्य तक के लिए ही शेष है। अर्थात् आगामी 3 माह में भारत के अधिकांश उद्योगो में इसका भंडारण समाप्तप्राय हो जाएगा। यदि चीन ने, इस खनिज की आपूर्ति भारत को नहीं कराई, तो भारत के उद्योग जगत में अस्थिरता आ जाएगी और सम्पूर्ण उद्योगो पर इसका अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। देखना यह है कि चीन, इस खनिज की आपूर्ति हेतु भारत के साथ किन शर्तो को निर्धारित करता है और यदि भारत चीन की शर्तो को पूर्ण करने में असक्षम रहता है तो वह अपने उद्योग जगत को इस दुर्गम समस्या से कैसे मुक्त करा पाता है। आज भारत के समक्ष एक अत्यन्त विकट स्थिति प्रकट हो चुकी है। आशा है कि हम शीघ्र ही इसका कोई स्थायी समाधान खोज लेंगे।

( लेखक शिक्षाविद हैं।)

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Admin 2

Admin 2

Next Story