ड्रैगन की इस चाल पर फिर गया पानी! भूटान में जनरल द्विवेदी के दौरे से चीन में 'बड़ी हलचल', भारत ने दे डाली खुली चेतावनी

General Dwivedi Bhutan visit: थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इन दिनों चार दिवसीय भूटान दौरे पर हैं, जिससे चीन में हलचल बढ़ गई है।

Priya Singh Bisen
Published on: 1 July 2025 12:32 PM IST
General Dwivedi Bhutan visit
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General Dwivedi Bhutan visit: चीन अब एक बार फिर अपने विस्तारवादी इरादों के कारण पड़ोसी देशों की सीमाओं पर बुरी नजर डाल रहा है। इस बार ड्रैगन की नजर भूटान टिक गयी है, जहां वह निरन्तर गांव बसाते जा रहा है और विवादित जगहों में अपनी सैन्य मौजूदगी को भी तेजी से बढ़ा रहा है। लेकिन भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह अपने पड़ोसी और रणनीतिक साझेदार भूटान के साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहेगा। इसी कड़ी में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इन दिनों चार दिवसीय भूटान दौरे पर हैं, जिससे चीन में हलचल बढ़ गई है।

कई मायनों में अहम है ये दौरा

जनरल द्विवेदी का यह दौरा बहुत से मायनों में अहम माना जा रहा है। यह बतौर सेना प्रमुख उनका पहला भूटान दौरा है। इस दौरान वे भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात करेंगे और रॉयल भूटान आर्मी के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग के साथ रणनीतिक चर्चा करेंगे। यह दौरा दोनों देशों की सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूती देगा।

कभी नहीं सुधरेगा चीन

डोकलाम में साल 2017 की तनातनी के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। भूटान के डोकलाम और उत्तरी क्षेत्रों जैसे जकारलुंग और पासमलुंग घाटी में चीन तेजी से अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रैगन अब तक भूटान की जमीन में 20 से ज्यादा गांव बसा चुका है। केवल डोकलाम में ही उसने 8 नए गांव खड़े किए हैं।

चीन ने भूटान के पूर्वी भागों में नई लकीर खींच दी हैं

हाल ही में चीन ने भूटान के पूर्वी भागों में स्थित सकतेंग वाइल्डलाइफ सेंचुरी पर भी दावा कर विवाद की एक नई लकीर खींच दी है, जबकि भूटान ने इस दावे को साफ नकार कर दिया है। इस क्षेत्र की चीन से कोई सीधी सीमा नहीं लगती, फिर भी ड्रैगन इसे विवादित घोषित करने करने के प्रयास में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अब रॉयल भूटान आर्मी की पेट्रोलिंग पर भी आपत्ति जताने लगी है। डोकलाम के पास अमो-छू नदी के किनारे भूटानी सैनिकों को रोका गया, जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग भी करनी पड़ी।

इस तरीके से चैन चल रहा अपनी चालें

चीन चरवाहों के माध्यम से भी अपनी चालें चल रहा है। जैसे वह लद्दाख में करता आया है, वैसे ही अब तिब्बत-भूटान सीमा पर चरवाहों को आगे कर चरागाहों पर कब्जा करने का पूरा प्रयास कर रहा है। भारत और भूटान के बीच गहरे रणनीतिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध हैं। भूटान की ज्यादातर सैन्य ट्रेनिंग भारत के संस्थानों में होती है और दोनों देशों के बीच चौथी विकास सहयोग वार्ता भी हाल ही में संपन्न हुई है।

बता दे, जनरल द्विवेदी का यह दौरा चीन को साफ तौर से संकेत देता है कि भारत भूटान के साथ हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है और डोकलाम जैसी घटना दोहराने की कोई सम्भावना नहीं छोड़ी जाएगी। ड्रैगन की हर एक चाल पर भारत की नजर है और भूटान भी अब किसी दबाव में आने को तैयार नहीं है।

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