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भारत ने तोड़ी चुप्पी! इजराइल-ईरान संघर्ष विराम पर दिया ऐसा बयान, मचा मिडिल ईस्ट में भूचाल

India on Israel Iran war: इस पूरे बवंडर में भारत भी चुप नहीं बैठा। विदेश मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक बयान आ गया — “हम पूरी रात घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे।” भारत को चिंता सिर्फ संघर्षविराम के टूटने की नहीं है, बल्कि अमेरिका की उस परमाणु कार्रवाई की भी है जो ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर की गई।

Harsh Srivastava
Published on: 24 Jun 2025 8:25 PM IST
भारत ने तोड़ी चुप्पी! इजराइल-ईरान संघर्ष विराम पर दिया ऐसा बयान, मचा मिडिल ईस्ट में भूचाल
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India on Israel Iran war: ये कोई आम सुबह नहीं थी। दुनिया ने जैसे ही आंखें खोलीं, एक तरफ टीवी स्क्रीन पर ‘शांति-शांति’ के नारे चमक रहे थे, तो दूसरी तरफ ईरान और इजराइल के आसमानों में मिसाइलें गरज रही थीं। जो युद्ध खत्म होने वाला था, वो और भयानक बनकर सामने आ गया। और सबसे बड़ी बात, इस सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा कर दिया — “इजराइल और ईरान ने पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति दे दी है।” लेकिन चौंकाने वाली बात ये थी कि सीजफायर का ऐलान होते ही उसी की कब्र भी खुदने लगी।

दोपहर होते-होते हालात ऐसे बदल गए कि खुद ट्रंप को कैमरे पर आकर कहना पड़ा — “मैं इजराइल से खुश नहीं हूं।” ये वही ट्रंप हैं जो दुनिया भर में खुद को डील मेकर, पीस क्रिएटर और ‘शांति का मसीहा’ कहकर प्रचारित करते हैं। लेकिन इस बार उनका कार्ड उल्टा पड़ गया। इजराइल ने उनकी बात सुनी ही नहीं, उल्टा सीजफायर के कुछ घंटों बाद फिर से हमले कर दिए। ईरान भी पीछे हटने को तैयार नहीं। और अब पूरी दुनिया पूछ रही है — क्या मिडिल ईस्ट युद्ध की तरफ नहीं, बल्कि परमाणु तबाही की ओर बढ़ रहा है?

भारत की रात भर जागती आंखें

इस पूरे बवंडर में भारत भी चुप नहीं बैठा। विदेश मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक बयान आ गया — “हम पूरी रात घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे।” भारत को चिंता सिर्फ संघर्षविराम के टूटने की नहीं है, बल्कि अमेरिका की उस परमाणु कार्रवाई की भी है जो ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर की गई। जवाब में ईरान ने भी कतर में अमेरिकी मिलिट्री बेस को टारगेट कर दिया। भारत को डर इस बात का है कि अगर ये आग बढ़ी तो सिर्फ मिडिल ईस्ट नहीं, पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ जाएगी। दिल्ली में खुफिया एजेंसियों ने ईरान की हर गतिविधि पर नजर गड़ा दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए बेहद चिंतित हैं। खास बात ये कि भारत ने अमेरिका और कतर की कूटनीतिक कोशिशों का स्वागत भी किया, लेकिन साथ ही ये भी कह दिया कि “इस संकट से बाहर निकलने का रास्ता सिर्फ बातचीत और कूटनीति ही है।” सवाल ये है — क्या इजराइल-ईरान अब बातचीत सुनेंगे?

ट्रंप का डील मेकर अवतार फेल!

सबसे बड़ा झटका खुद ट्रंप के लिए है। उन्होंने दुनिया के सामने शांति का ड्रामा पेश किया, लेकिन हकीकत में मिडिल ईस्ट के मैदानों में मिसाइलें बरस रही थीं। व्हाइट हाउस में खड़े होकर ट्रंप बोले — “उन्होंने सीजफायर तोड़ा। इजराइल ने भी तोड़ा। मैं खुश नहीं हूं। इजराइल को मैंने ऐसा करने से मना किया था।” ट्रंप की नाराजगी वाजिब है, क्योंकि इस पूरी लड़ाई में उनका चेहरा दांव पर था। वो दुनिया को दिखाना चाहते थे कि अमेरिका अभी भी सुपरपावर है, मिडिल ईस्ट पर उसकी पकड़ है। लेकिन इजराइल ने उनकी बात ठुकराकर साफ कर दिया कि अब नेतन्याहू ट्रंप से नहीं, अपने दम पर फैसले कर रहा है। और ईरान? वो तो पहले से ही आग में घी डालने को तैयार बैठा था।

क्या अब युद्ध की तरफ बढ़ रहा है मिडिल ईस्ट?

अब सवाल सिर्फ संघर्षविराम का नहीं है। सवाल ये है कि क्या ये जंग अब ‘नो रिटर्न पॉइंट’ पर पहुंच चुकी है? कतर जैसे देश भी अब इस लड़ाई में अपनी भूमिका को लेकर सतर्क हो गए हैं। कतर ने भी ईरान के हमलों पर विरोध दर्ज कराया और संयुक्त राष्ट्र तक बात पहुंचा दी। GCC देश भी चुपचाप तमाशा देख रहे हैं कि अगला कदम कौन उठाता है। भारत की चिंता भी यही है — अगर ये जंग बढ़ी तो इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा। मिडिल ईस्ट से ऊर्जा आपूर्ति, लाखों भारतीयों की रोजी-रोटी और क्षेत्रीय स्थिरता — सब कुछ खतरे में आ जाएगा। इसलिए भारत बार-बार कह रहा है — बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। लेकिन जब दोनों पक्ष मिसाइलों से जवाब देना चाहते हों तो बातचीत कौन सुनता है? अब पूरी दुनिया की नजर एक सवाल पर टिक गई है — क्या अमेरिका इस बार इजराइल को कंट्रोल कर पाएगा? या फिर ट्रंप की ‘शांति योजना’ एक और झूठ साबित होकर मिडिल ईस्ट को पूरी तरह बारूद में तब्दील कर देगी? अभी तो शांति का पर्दा गिराया गया है, असली जंग का पर्दा उठना बाकी है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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