'न पसंद हो तो मत खरीदो...', रूस से तेल खरीद पर भारत का करारा जवाब, जयशंकर ने पश्चिमी देशों को सुनाई खरी-खरी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने के भारत के निर्णय का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस खरीद से कीमतों में स्थिरता बनी रहती है और राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों को लाभ होते हैं।

Priya Singh Bisen
Published on: 23 Aug 2025 2:44 PM IST
India Russia oil trade
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India Russia oil trade (photo: social media)

India Russia oil trade: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए पश्चिमी देशों को कडा संदेश दिया है। जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को ध्यान रखते हुए स्वतंत्र रूप से फैसला लेने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यदि किसी देश को भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में दिक्कतें उत्पन्न हो रही है, तो वह न खरीदे, किसी पर दबाव नहीं डाला जा रहा।

तेल खरीद से कीमतें हुईं स्थिर

जयशंकर ने कहा कि साल 2022 में जब वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में बड़े स्तर पर उतार-चढ़ाव आया था, तब भारत ने रूस से तेल खरीदा और इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता आई थी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य बाजारों को शांत करना और कीमतों में स्थिरता बनाए रखना था। यह कदम राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों ही स्तर से फायदे में है।”

अमेरिका पर कसा तंज

अमेरिका के साथ जारी व्यापार वार्ता को लेकर जयशंकर ने कहा कि बातचीत चल रही है, लेकिन भारत अपने किसानों और छोटे व्यवसायियों के लाभ की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा, “यह बेहद ही हास्यास्पद स्थिति है कि जो देश खुद व्यापार समर्थक होने का दावा करते हैं, वही दूसरों पर आरोप लगाते हैं। यदि आपको ठीक नहीं लगता है, तो भारत से तेल मत खरीदिए।”

रूस दौरे में मजबूत हुए व्यापारिक संबंध

जयशंकर हाल ही में रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने 19 से 21 अगस्त तक आयोजित भारत-रूस अंतर्राष्ट्रीय आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहायता पर वार्ता हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत रूस के साथ व्यापार और ऊर्जा साझेदारी को और मजबूती देना चाहता है।

अमेरिका-भारत संबंधों पर की टिप्पणी

भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग और मतभेद दोनों पहल से चले आ रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो रिश्ते सकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतियों के बावजूद द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलू मजबूत बने हुए हैं।

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