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चीन ने फिर भारत के साथ खेल डाला 'खेल'! 'दोस्त' ने भी कुछ नहीं बोला, अब आर-पार के मूड में राजनाथ

India Russia China: रूस की रणनीतिक प्राथमिकताओं में भारत का स्थान क्या है, यह सवाल अब और अहम हो गया है।

Snigdha Singh
Published on: 27 Jun 2025 9:57 AM IST
चीन ने फिर भारत के साथ खेल डाला खेल! दोस्त ने भी कुछ नहीं बोला, अब आर-पार के मूड में राजनाथ
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India China: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की गुरुवार को हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत और अन्य सदस्य देशों के बीच साझा बयान को लेकर मतभेद उभरकर सामने आए। भारत ने उस साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिसे बाकी देशों ने समर्थन दिया था। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि प्रस्तावित बयान भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को कमजोर करता है और इसमें भारत की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है।

विशेष रूप से बयान में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई ज़िक्र नहीं था, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी गई थी। भारत ने इस चुप्पी को पाकिस्तान और चीन के प्रभाव में तैयार की गई रणनीति का हिस्सा माना। वहीं बयान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चरमपंथ की घटनाओं का उल्लेख था, जिससे भारत को यह स्पष्ट संकेत मिला कि यह दस्तावेज पाकिस्तान के हित में झुका हुआ था।

रूस की चुप्पी बनी चिंता का कारण

इस पूरे घटनाक्रम में रूस की भूमिका और रुख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं रहा, जिससे भारत की चिंता और भी गहरी हो गई। रूस, जो भारत का लंबे समय से रणनीतिक साझेदार रहा है, उसने इस बयान को लेकर अपनी कोई ठोस सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी। चूंकि SCO में फैसले सर्वसम्मति से लिए जाते हैं, भारत की आपत्ति के चलते कोई संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका। फिर भी यह सवाल बना हुआ है कि क्या रूस ने भारत की आपत्तियों का समर्थन किया, या वह तटस्थ रहा।

विश्लेषकों का मानना है कि रूस की वर्तमान भूराजनीतिक स्थिति, खासकर यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद, उसे चीन पर अधिक निर्भर बना रही है। मई 2025 में पुतिन और शी जिनपिंग के बीच हुए सम्मेलन में SCO और BRICS को लेकर रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने की बात कही गई थी। ऐसे में संभव है कि रूस चीन से टकराव से बचने के लिए भारत की चिंताओं पर चुप्पी साधे हुए है।

भारत की स्पष्टता, रूस की तटस्थता

बैठक में भारत ने आतंकवाद पर दो टूक रुख अपनाते हुए कहा कि शांति और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते, और SCO के सभी सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के केंद्रों पर कार्रवाई करने में हिचकिचाएगा नहीं।

भारत के इस रुख से जहां उसकी रणनीतिक स्वतंत्रता की झलक मिलती है, वहीं रूस की अस्पष्ट स्थिति भारत-रूस संबंधों में बढ़ती जटिलता की ओर इशारा करती है। कभी भारत का प्रमुख रक्षा सहयोगी रहा रूस अब चीन की ओर झुकता दिख रहा है, जिससे भारत की विदेश नीति को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

SCO की यह बैठक साझा बयान के बिना समाप्त हो गई, जो कि संगठन के लिए असामान्य स्थिति है। भारत की कड़ी आपत्ति और रूस की खामोशी से साफ है कि क्षेत्रीय राजनीति में नई समीकरण बन रहे हैं। भारत ने जहां आतंकवाद पर किसी भी समझौते से इनकार करते हुए अपने रुख को और स्पष्ट किया, वहीं रूस की रणनीतिक प्राथमिकताओं में भारत का स्थान क्या है, यह सवाल अब और अहम हो गया है।

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Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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