अब कोई नहीं बचेगा.. विश्व में 'महासंकट'! ईरान के 'खतरनाक खेल' का खुलासा; हूतियों को दे रहा है तबाही का जखीरा

Iran Missile Supply To Houthi Rebels: यमन में ईरान की बढ़ती दखलअंदाजी ने पूरे क्षेत्र की गंभीर रूप से चिंता बढ़ा दी है।

Priya Singh Bisen
Published on: 28 Jun 2025 1:21 PM IST (Updated on: 28 Jun 2025 2:59 PM IST)
Iran Missile Supply To Houthi Rebels
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Iran Missile Supply To Houthi Rebels (PHOTO CREDIT: social media)

Iran missile supply: यमन में ईरान की बढ़ती दखलअंदाजी ने पूरे क्षेत्र की गंभीर रूप से चिंता बढ़ा दी है। यमन सरकार ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि ईरान अब हूती विद्रोहियों को केवल हथियार ही नहीं दे रहा, बल्कि अपनी मिसाइल और ड्रोन निर्माण इकाइयां भी यमन में शिफ्ट कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, ये फैक्ट्रियां सादा, हज्जा और राजधानी सना के आसपास गुपचुप तरह से तैयार की जा रही हैं। अगर यह दावा सही साबित होता है, तो न सिर्फ यमन में अस्थिरता और बढ़ेगी, बल्कि इससे खाड़ी देशों की सुरक्षा और वैश्विक समुद्री व्यापार भी बड़ा संकट मंडरा सकता है।

ईरान की टेक्नोलॉजी से लैस हो रहे हूथी विद्रोही

यमनी सुरक्षा अधिकारियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि हूती अब सिर्फ पारंपरिक हथियारों से लैस नहीं हैं। उन्हें ईरान से अत्याधुनिक बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी तक प्रदान किये जा रहे है। पिछले कुछ महीनों में हूती विद्रोहियों ने जिन हथियारों से हमले किए हैं, वे ईरानी हथियार प्रणालियों से मिलते-जुलते हैं। इससे यह साफ़ होता है कि हथियारों की आपूर्ति के साथ-साथ ऑपरेशनल ट्रेनिंग भी ईरान के ज़रिये दी जा रही है।

वैश्विक व्यापार पर मंडराता 'महासंकट'

गल्फ ऑफ एडन और लाल सागर जैसे रणनीतिक समुद्री मार्ग पहले ही सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अगर यमन मिसाइल और ड्रोन बेस में तब्दील हो गया, तो यह न सिर्फ मध्य पूर्व बल्कि पूरे विश्व की सप्लाई चेन और ऊर्जा व्यापार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकता है। अमेरिका भी इस खतरे को अनदेखा नहीं कर रहा है और रिपोर्टों में ऐसा देखा गया है कि हूती विद्रोही निकट भविष्य में अमेरिका के लिए एक स्थायी सिरदर्द बन सकते हैं।

हूथी विद्रोहियों की ‘घरेलू तकनीक’ पर खड़े हुए सवाल

हूथी विद्रोही सालों से यह दावा करते रहे हैं कि उनके पास मौजूद हथियार घरेलू तरीके से बनाये गए हैं, लेकिन अब सामने आए सबूत कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। हूतियों की सैन्य रणनीति और मिसाइल हमलों का पैटर्न हूबहू ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स जैसा है। इससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि हूतियों की सैन्य क्षमता ईरान की प्रत्यक्ष सहायता से ही खड़ी की गई है।

बता दे, यमन में मिसाइल और ड्रोन फैक्ट्रियों की खबरों ने विश्व स्तर पर बड़ी हलचल मचा दी है। अगर ईरान वाकई यमन को एक सैन्य अड्डे के रूप में विकसित कर रहा है, तो यह आने वाले समय में खाड़ी क्षेत्र और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है। अब दुनिया की नजरें यमन और ईरान की हर गतिविधि पर टिकी हुई हैं।

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