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खामेनेई की मौत का प्लान? इजराइल-अमेरिका का खौफनाक गेम शुरू, ईरान ने किया बड़ा ऐलान
Iran Khamenei death plot: इजराइल और अमेरिका न सिर्फ ईरान पर बम बरसा रहे हैं, बल्कि अब ईरान के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने का प्लान भी बना चुके हैं। और इसी कयामत के माहौल के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक ऐसा एलान कर दिया है, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है।
Iran Khamenei death plot: तेहरान की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। आसमान में हर कुछ घंटों में गूंजते धमाकों की आवाज़ें ईरान के नागरिकों को नींद से जगा रही हैं। जो देश कभी इस्लामी क्रांति की गूंज से दुनिया भर में मशहूर हुआ करता था, वो आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। पिछले हफ्ते से इजराइल ने ईरान के खिलाफ़ जो सैन्य अभियान छेड़ा है, उसने पूरे मध्य-पूर्व को आग के दरिया में धकेल दिया है।
लेकिन इस पूरे सीन में सबसे खतरनाक बात अब सामने आई है। इजराइल और अमेरिका न सिर्फ ईरान पर बम बरसा रहे हैं, बल्कि अब ईरान के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने का प्लान भी बना चुके हैं। और इसी कयामत के माहौल के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक ऐसा एलान कर दिया है, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। 86 साल के खामेनेई ने अपने उत्तराधिकारियों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसमें उनके बेटे मुजतबा खामेनेई का नाम नहीं है। क्या ईरान का अगला सुप्रीम लीडर कौन होगा, इसकी तैयारी इजराइल और अमेरिका की धमकियों के बीच शुरू हो चुकी है? क्या खामेनेई को खुद अपने मारे जाने का डर सता रहा है? और क्या यह संकेत है कि अब युद्ध की आग और भड़कने वाली है?
ईरान में उत्तराधिकारी का एलान, बेटा बाहर!
ईरान के धार्मिक और राजनीतिक सत्ता के शिखर पर बैठा व्यक्ति जब अपने उत्तराधिकारी का नाम सार्वजनिक करता है तो ये कोई सामान्य घटना नहीं होती। खासकर तब, जब उसकी उम्र 86 साल हो, उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही हो और चारों तरफ से दुश्मनों की बंदूकें उसकी तरफ तनी हों।अयातुल्लाह खामेनेई ने जिन तीन वरिष्ठ मौलवियों के नाम उत्तराधिकार के लिए आगे किए हैं, उनमें से कोई भी उनके बेटे मुजतबा खामेनेई नहीं हैं। वर्षों से कयास लगाए जा रहे थे कि मुजतबा को अगला सुप्रीम लीडर बनाया जाएगा। लेकिन इस घोषणा ने सभी अटकलों पर पानी फेर दिया है। इससे साफ हो गया है कि या तो खामेनेई को अपनी जान पर खतरे का अहसास हो गया है, या फिर वो अपने शासन के बाद ईरान में धार्मिक सत्ता को वंशवाद से बचाकर ‘शुद्ध इस्लामी’ मूल्यों पर चलाना चाहते हैं।
लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि ये फैसला पूरी तरह दबाव में लिया गया है। इजराइल और अमेरिका लगातार ईरान के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रहे हैं। पहले पासदार-ए-इंतेक़ाल (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स) के बड़े कमांडर मारे गए, फिर खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को निशाना बनाया गया। अब इजराइल की सीक्रेट एजेंसी मोसाद सीधे खामेनेई की हत्या की योजना पर काम कर रही है। शायद इसीलिए खामेनेई ने जानबूझकर अपने बेटे का नाम हटाकर मुल्क में एक मजबूत धार्मिक उत्तराधिकारी की छवि पेश करनी चाही है ताकि अगर वो मारे भी जाएं तो देश में सत्ता संघर्ष न हो।
इजराइल के हमलों से बर्बाद हो रहा तेहरान
अभी एक हफ्ता ही हुआ है और तेहरान की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। इजराइली मिसाइलें, ड्रोन अटैक और हवाई बमबारी ने राजधानी की इमारतों को मलबे में बदल दिया है। तेहरान के एयरबेस, हथियार फैक्ट्रियां और सैन्य ठिकाने लगातार निशाने पर हैं। जानकार कह रहे हैं कि 1980 के दशक में इराक के साथ चले आठ साल लंबे युद्ध में भी ईरान ने इतनी तबाही नहीं देखी थी, जितनी अब देख रहा है। इजराइल की ओर से किए जा रहे ये हमले सिर्फ ईरान की सेना पर नहीं, बल्कि आम लोगों पर भी कहर बनकर टूट रहे हैं। बच्चों के स्कूल, अस्पताल, धार्मिक स्थल, घर—सब कुछ राख में बदलते जा रहे हैं। तेहरान के निवासियों के लिए हर रात एक खौफनाक सपना बन चुकी है, जो सुबह होते ही और भयावह हो जाता है।
अमेरिका-इजराइल की खतरनाक साजिश
इन हमलों के पीछे सिर्फ सैन्य उद्देश्य नहीं हैं। असली मकसद है ईरान की रीढ़ तोड़ देना। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि उनका मिशन अब सिर्फ ईरान की सैन्य ताकत को खत्म करना नहीं है, बल्कि वहां की पूरी राजनीतिक व्यवस्था को हिलाकर रख देना है। और इसके लिए सबसे पहले खामेनेई का हटाया जाना जरूरी है। सूत्र बता रहे हैं कि मोसाद और सीआईए मिलकर खामेनेई की हत्या की साजिश रच रहे हैं। इजराइल की ‘टारगेट किलिंग’ रणनीति अब सीधे ईरान के सर्वोच्च नेतृत्व तक पहुंच गई है। यही वजह है कि खामेनेई ने भी आनन-फानन में अपने उत्तराधिकारियों के नाम घोषित कर दिए ताकि अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो देश में सत्ता का खालीपन न बने।
ईरान का जवाब—रोजाना हमला, इजराइल में तबाही
लेकिन क्या ईरान चुप बैठा है? नहीं। शुरुआती हमलों के बाद झटका खाकर उठे ईरान ने अब मोर्चा संभाल लिया है। हर दिन इजराइल पर मिसाइल हमले किए जा रहे हैं। हाइफा की तेल रिफाइनरी में आग लग चुकी है, इजराइल के अस्पतालों और घरों में धमाकों की खबरें आ रही हैं। धर्मस्थल तक नहीं बचे। यह लड़ाई अब सिर्फ दो देशों के बीच का युद्ध नहीं रह गई है। यह एक ऐसा खेल बन चुका है जिसमें हर एक चाल दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ धकेल रही है। और खामेनेई की हत्या की साजिश इस पूरे संघर्ष को विस्फोटक बना सकती है। अब सवाल सिर्फ एक है क्या खामेनेई मारे जाएंगे या ईरान अपने दुश्मनों को पहले खत्म कर देगा? मध्य-पूर्व में जल रही इस आग की आंच जल्द ही पूरी दुनिया को झुलसा सकती है।
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