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इस्लामाबाद सील, इंटरनेट बंद...Pak की नाक में किसने किया दम, कौन है यह 'TLP' बला?
इस्लामाबाद में TLP के हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते राजधानी सील और इंटरनेट बंद कर दिया गया। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के लाखों प्रदर्शनकारियों ने गाजा विरोध के नाम पर सड़कों पर उतरकर उत्पात मचाया, जिससे सुरक्षा बलों को कड़े कदम उठाने पड़े।
Pakistan TLP Protest Update: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुक्रवार को अराजकता और तबाही का माहौल बन गया है। कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण सुरक्षा बलों ने इस्लामाबाद की ओर जाने वाली सभी मुख्य सड़कों को विशाल शिपिंग कंटेनरों से पूरी तरह बंद (सील) कर दिया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि राजधानी और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं, ताकि प्रदर्शनकारी एक-दूसरे से संपर्क न कर सकें और अफ़वाहों पर काबू पाया जा सके। इस बवाल की शुरुआत गाजा में हो रही घटनाओं के विरोध में हुई, जब TLP के लाखों कार्यकर्ता अमेरिकी दूतावास की ओर मार्च करने निकले थे। गुरुवार को लाहौर में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके बाद भयानक हिंसक झड़पें हुईं। इन झड़पों में कई लोग घायल हुए और दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जिसके बाद TLP ने अपना 'फाइनल कॉल' मार्च घोषित कर दिया और हजारों प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद की सीमाओं तक पहुँच गए।
राजधानी किले में तब्दील: रेड जोन सील
लाहौर में हुई हिंसा के बाद TLP के प्रमुख साद रिजवी के आह्वान पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद की ओर बढ़े। प्रशासन ने किसी भी कीमत पर प्रदर्शनकारियों को राजधानी के संवेदनशील इलाकों में घुसने से रोकने के लिए अभूतपूर्व तैयारी की है। राजधानी के 'रेड जोन', जहाँ संसद भवन और महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें हैं, को किले में तब्दील कर दिया गया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस्लामाबाद और पड़ोसी रावलपिंडी में इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं। फैज़ाबाद इंटरचेंज, जो पहले भी TLP के विरोध प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र रहा है, उसे पूरी तरह से बैरिकेड कर दिया गया है। इसके अलावा, रेड जोन के आसपास के कई होटलों को भी खाली करा लिया गया है। इस्लामाबाद समेत लाहौर, कराची और पेशावर में मौजूद अमेरिकी दूतावासों ने अपने नागरिकों को 'बड़ी भीड़ से दूर रहने और सतर्क' रहने की चेतावनी दी है। दूतावास ने कहा है कि यह कहना मुश्किल है कि प्रदर्शन कितने दिन चलेंगे।
टीएलपी पर हिंसा की योजना का आरोप
पाकिस्तान के गृह राज्यमंत्री तालाल चौधरी ने TLP पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि TLP गाजा के नाम पर देश में अशांति और हिंसा फैलाना चाहती है। चौधरी ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए कई प्रदर्शनकारियों के पास से लाठियां, केमिकल, कांच की गोलियां, आँसू गैस के गोले और हथियार बरामद हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "ये लोग प्रदर्शन करने आए थे या हिंसा की योजना बना रहे थे?" गृह राज्यमंत्री ने TLP पर झूठी खबरें फैलाने और जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। लाहौर में मुल्तान रोड पर TLP कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया था, जिससे सड़कें बंद हो गईं और पुलिस पर हमला किया गया। इस दौरान कई गाड़ियाँ और दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। पुलिस ने पार्टी प्रमुख साद रिजवी समेत सैकड़ों TLP कार्यकर्ताओं पर आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत केस दर्ज किए हैं।
कौन है यह 'टीएलपी' बला?
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) एक कट्टर इस्लामी राजनीतिक दल है, जिसकी स्थापना 2015 में बरेवली मौलाना खादीम हुसैन रिजवी ने की थी। यह पार्टी पाकिस्तान के ईशनिंदा (Blasphemy) कानून में किसी भी तरह के बदलाव के खिलाफ बार-बार हिंसक विरोध प्रदर्शन करती रही है। खादीम रिजवी की 2020 में मृत्यु के बाद उनके बेटे मौलाना साद रिजवी ने इसका नेतृत्व संभाला, जो वर्तमान में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। TLP 2018 के चुनावों में 22 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर पाकिस्तान की पाँचवीं सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। 2020-21 में इसने फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर बड़ी हिंसक प्रदर्शन किए थे। 2021 में हिंसा के बाद इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद एक गुप्त समझौते के तहत सरकार ने प्रतिबंध हटा दिया। मौलाना साद रिजवी अक्सर ईशनिंदा कानून खत्म न करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाते हैं और फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शनों में लाखों लोग शामिल हुए थे। TLP के इस हिंसक रुख ने पाकिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।
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