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पुतिन करेंगे इजरायल काम तमाम? जिसे इजराइल ने उड़ाया... वही था रूस का 'ड्रोन मास्टरमाइंड'! ईरानी कमांडर के मौत से बौखलाया Russia
Israel Iran war 2025: एक सुनियोजित और बेहद खतरनाक सैन्य अभियान में इजराइल ने 200 विमानों और 330 घातक हथियारों के साथ ईरान की धरती पर ऐसा हमला बोला, जिसकी गूंज आने वाले कई वर्षों तक सुनाई देती रहेगी। खास बात यह रही कि इस हमले में मारा गया एक ऐसा शख्स था, जिसकी मौत से रूस तक सिहर उठा है।
Israel Iran war 2025
Israel Iran war 2025: दुनिया के नक्शे पर जब-जब युद्ध की गूंज सुनाई दी है, तब-तब मध्य पूर्व से उठी चिंगारी ने वैश्विक संकट की आग में घी डालने का काम किया है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। 14 जून की रात एक ऐसा धमाका हुआ, जिसने न केवल ईरान की राजधानी तेहरान को दहला दिया बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस धमाके की गूंज वाशिंगटन से लेकर मॉस्को और बीजिंग से लेकर नई दिल्ली तक सुनाई दी। इजराइल ने वो कर दिखाया जिसकी आशंका पूरी दुनिया कर रही थी। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सीधा और निर्णायक हमला। लेकिन इस बार मामला सिर्फ परमाणु ठिकानों तक सीमित नहीं था, बल्कि निशाना बने ईरान के टॉप जेनरल्स और वैज्ञानिक भी। एक सुनियोजित और बेहद खतरनाक सैन्य अभियान में इजराइल ने 200 विमानों और 330 घातक हथियारों के साथ ईरान की धरती पर ऐसा हमला बोला, जिसकी गूंज आने वाले कई वर्षों तक सुनाई देती रहेगी। खास बात यह रही कि इस हमले में मारा गया एक ऐसा शख्स था, जिसकी मौत से रूस तक सिहर उठा है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एयरोस्पेस डिविजन के चीफ आमिर अली हाजीजादेह की मौत ने ईरान के साथ-साथ रूस के लिए भी बड़ा झटका दिया है।
आमिर अली हाजीजादेह: ड्रोन युद्ध का मास्टरमाइंड
अगर दुनिया के नक्शे पर ड्रोन युद्धों की बात होती है तो आमिर अली हाजीजादेह का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। यह वही शख्स था जिसने रूस-यूक्रेन युद्ध में तबाही मचाने वाले ईरानी शाहेद ड्रोन की पूरी सप्लाई लाइन संभाली थी। 2022 में यूरोपीय संघ ने उस पर प्रतिबंध लगाया था क्योंकि रूस ने इन्हीं ड्रोन के जरिए यूक्रेन में तबाही मचाई थी। इतना ही नहीं, 2023 में आमिर अली ने रूस के तत्कालीन रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाकात कर नए ईरानी हथियारों का प्रदर्शन किया था। यह बैठक पश्चिमी दुनिया के लिए साफ संकेत थी कि ईरान-रूस गठजोड़ वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है। आमिर अली का इतिहास विवादों से भरा हुआ है। 2020 में तेहरान के ऊपर से उड़ रहे एक यूक्रेनी पैसेंजर विमान को गिराने का आदेश देने में भी उसका नाम सामने आया था, जिसमें 176 बेकसूर नागरिक मारे गए थे। ईरान ने बाद में अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब उसी आमिर अली को इजराइली मिसाइलों ने मौत की नींद सुला दिया।
रूस भड़का, यूक्रेन ने साधा निशाना
इजराइल के इस हमले ने कूटनीतिक मोर्चे पर एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। रूस ने इसे ‘अकारण और भड़काऊ हमला’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हमला पूरे मध्य पूर्व को जंग के मुहाने पर ले जाएगा। दूसरी तरफ, यूक्रेन ने जहां इजराइल के इस कदम पर औपचारिक चिंता जताई, वहीं उसने खुले शब्दों में कहा कि ईरान का वही बोया हुआ बीज है, जो आज उसके सिर पर मुसीबत बनकर टूट पड़ा है। यूक्रेन ने सीधे तौर पर ईरान पर आरोप लगाया कि वही रूस को हथियार देता है और अब जब उसका टॉप कमांडर मारा गया है तो दुनिया के सामने उसकी असलियत उजागर हो गई है।
क्या वाकई तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक है?
सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है—क्या यह हमला तीसरे विश्व युद्ध की आहट है? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया कि उन्हें इस हमले की भनक थी, लेकिन उन्होंने खुद को इससे अलग रखा। बाइडेन प्रशासन भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है, जो अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। यूरोप से लेकर एशिया तक की सरकारें सकते में हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्रीय संघर्ष से न केवल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है। तेल की कीमतों में उबाल आ चुका है और दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है।
तेहरान से तेल अवीव तक तनातनी
तेहरान में इस वक्त मातम पसरा है। ईरान की संसद में इजराइल के खिलाफ जिहाद की मांग तेज हो गई है। IRGC ने साफ कर दिया है कि यह हमला ईरान पर युद्ध घोषित करने जैसा है और बदले की कार्रवाई बहुत जल्द की जाएगी। वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे अपनी सैन्य रणनीति की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि, “जो देश हमारे अस्तित्व को मिटाने की साजिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना हमारा हक है।” ईरानी मीडिया में बार-बार इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि इस हमले का बदला लिया जाएगा, चाहे उसकी कीमत कुछ भी क्यों न हो। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ हफ्तों में ईरान और इजराइल के बीच खुला युद्ध छिड़ सकता है, जिसमें हिजबुल्लाह, हमास और यमन के हूती विद्रोही भी शामिल हो सकते हैं।
क्या दुनिया तैयार है?
इजराइल और ईरान के इस संघर्ष में अगर रूस खुलकर कूदता है और अमेरिका या नाटो इसमें हस्तक्षेप करते हैं, तो स्थिति तीसरे विश्व युद्ध तक पहुंच सकती है। तेल बाजार में अस्थिरता, यूरोप में सुरक्षा चिंताओं और एशिया में चीन की संभावित सक्रियता ने इस संकट को और भी विस्फोटक बना दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आमिर अली की मौत ने सिर्फ ईरान की सैन्य शक्ति को कमजोर नहीं किया, बल्कि पूरी दुनिया को एक और महायुद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। तेहरान की गलियों से लेकर न्यूयॉर्क के वॉल स्ट्रीट तक अब सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा है—क्या तीसरा विश्व युद्ध दस्तक दे चुका है?
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